औरंगाबाद खबर सुप्रभात समाचार सेवा
काराकाट संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में भी इस बार गठबंधन के राजनीति दरकने का आहट सुनाई पड़ रहा है। मतदाताओं में गठबंधन द्वारा उपर से उम्मीदवार थोपने से खासे नाराजगी का स्वर गूंज रहा है। इससे स्पष्ट होता है कि काराकाट में गठबंधन के राजनीति दरकने लगा है। गठबंधन के दरकते राजनीति के बीच पैसा और कास्ट फैक्टर पहले से ज्यादा हावी होते दिखाई पड़ रहा है। और इसका लाभ निर्दलीय प्रत्याशी उठाने का रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं। इसके लिए एक तरफ भोजपुरी फिल्म स्टार पवन सिंह
का चुनाव प्रचार का आहट सुनाई पड़ रहा है तो दुसरी तरफ किरण प्रभा का नाम भी चर्चा में है। जानकारी के अनुसार निर्दलीय पावन सिंह आज बृहस्पतिवार को नामजदगी का पर्चा दाखिल करेगें तो किरण प्रभा भी शुक्रवार को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामजदगी का पर्चा दाखिल कर सकते हैं। पवन सिंह को अपने जातीय वोटरों और पैसा पर भरोसा है तो किरणों प्रभा को भी अपने जातीय वोटरों और पैसा पर भरोसा है। इस स्थिति में इंडिया गठबंधन और एनडीए गठबंधन का खामियाजा भुगतना पड़ेगा और चुनाव एक चुनौती के रूप में साबित होगा।इसका असर सबसे ज्यादा इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार पर पड़ेगा और एनडीए उम्मीदवार पर भी पड़ रहा है। इंडिया गठबंधन के घटक कांग्रेस जिस तरह औरंगाबाद संसदीय क्षेत्र में खामोश और निष्क्रिय देखा जा रहा था उसी तरह काराकाट में भी कांग्रेस का अभी तक स्थिति बना हुआ है। इसके अलावे कुछ भाकपा-माले के नेताओं में भी असंतोष और नाराजगी रहने का जानकारी विश्वस्त सूत्रों से मिल रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार काराकाट संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत भाकपा-माले के एक विधायक और उनके समर्थकों में टीकट बंटवारे को लेकर नाराजगी और असंतोष है। हला की संवाद लिखे जाने तक इनके नाराजगी प्रकाश में नहीं आया है लेकिन अंदरखाने में सबकुछ चलने का संकेतक सूत्रों से प्राप्त हो रही है। एनडीए गठबंधन से भाजपा के भी कुछ नेताओं के बारे में ऐसा ही जानकारी सूत्रों से प्राप्त हो रही है। ऐसे में गठबंधन का राजनीति दरक सकता है और काराकाट में चुनाव दिलचस्प होते जा रहा है। हला की काराकाट निर्वाचन क्षेत्र के कुछ स्वर्ण मतदाताओं ने खबर सुप्रभात से औपचारिक बातचीत के क्रम में अभी अपना नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि हमलोग हर हाल में एनडीए प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करेंगे और नरेंद्र मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनाएंगे। निर्दलीय प्रत्याशी भोजपुरी फिल्म स्टार राजपूत जाति से आते हैं और किरण प्रभा भूमिहार जाती से आते हैं और राजपूत तथा भूमिहार वोटरों को एनडीए का आधार वोट माना जाता है। लेकिन दोनो निर्दलीय प्रत्याशी को चुनाव मैदान में आने से काराकाट में त्रिकोणीय संघर्ष के स्वरूप और भविष्य किस रुप में सामने आएगा और कौन बनेगा इस बार काराकाट का बादशाह यह तो 4 जून को चुनाव परिणाम के बाद ही तय हो पायेगा। लेकिन इतना तय है कि दोनों निर्दलीय प्रत्याशी यदि चुनावी अखाड़े में ताल ठोकेंगे तो इंडिया और एनडीए गठबंधन को भारी पड़ेगा और इसका प्रभाव ज्यादा इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी राजाराम सिंह पर पड़ने की संभावना है।