औरंगाबाद से अम्बुज कुमार का रिपोर्ट
बिहार सरकार के पूर्व मंत्री एवं राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ सुरेश पासवान ने कहा है कि माननीय पटना उच्च न्यायालय में जातीय गणना को रोकने के लिए दर्जनों याचिका दायर किया गया था उसे डिसमिस कर दिया गया है, और जातीय गणना कराने हेतु हरी झंडी देते हुए कहा कि जातीय गणना को रोका नहीं जा सकता है। सर्वविदित है कि बिहार सरकार ने सर्वसम्मति से बिहार विधानमंडल से दो दो बार प्रस्ताव पारित कराने के पश्चात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलकर आग्रह किया था कि जातीय गणना करना बहुत आवश्यक है इसलिए भारत सरकार इसको करवाएं,उस प्रतिनिधि मंडल में भारतीय जनता पार्टी भी सामिल थी लेकिन प्रधानमंत्री ने जातीय गणना कराने से न सिर्फ इनकार कर दिया बल्कि उन्होंने इसकी ज़रूरत पर ही सवाल खड़ा कर दिया। डॉ पासवान ने कहा है कि दृढ़ संकल्प के साथ बिहार सरकार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार एवं उप मुख्यमंत्री श्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने राज्य खजाने से जातीय गणना कराने हेतु बिहार विधानमंडल से पुनः प्रस्ताव पारित करवा कर सर्वे का काम सुरु करा दिया। लगभग 85% जातीय गणना का पुरा हो गया तो फिर एक बार भारतीय जनता पार्टी ने अपने समर्थकों से जातीय गणना रोकवाने हेतु सुप्रीम कोर्ट का सहारा लिया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट उस मामले को हाई कोर्ट पटना में अपनी बात रखने हेतु भेज दिया। हाई कोर्ट पटना में लगभग चार महीना दोनों पक्षों के दलीलें सुनने के बाद आज के तारीख में फैसला सुनाने के लिए आदेश को सुरक्षित रख लिया। आज के दिन पुरे बिहारवासी को उच्च न्यायालय के फैसले का बेसब्री से इंतजार था कि क्या फैसला आता है।आज जब जातीय गणना कराने हेतु फैसला जब आया तो यह साबित हो गया कि सत्य मेव जयते। यानी सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं।