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भारत की नदियों की रानी डाल्फिन भी विलुप्ति के कगार पर !

निर्मल शर्मा गाजियाबाद (यूपी) के कलम से मानव के लगभग समकक्ष बुद्धिमान प्राणी  डॉल्फिन विलुप्ति के कग़ार पर है ! इस धरती पर मानव को यह बहुत ही गर्वोक्ति या दंभ है कि ‘इस धरती के हम सबसे बुद्धिमान प्राणी हैं। ‘ बहुत से मायनों में यह सत्य भी है,क्योंकि मानव इस धरती पर वह […]

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कैदी

गाजियाबाद (यूपी) निर्मल शर्मा के कलम से _________ कोई भी किताब ऐसी नहीं होती जो काल सापेक्ष न हो चाहे वह तथाकथितईश्वर के द्वारालिखी गई हीक्यों न कहलाती हो !आदमी से ज्यादाकभी कुछ नहीं जान पाया ईश्वर !अपने द्वारा रची गईतथा कथित किसी भी किताब में !ईश्वर का ज्ञान भी !समय स्थान व समाज सापेक्ष

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अतिखूबसूरत शनि ग्रह बनाम मूढ़ भारतीय समाज !

गाजियाबाद से निर्मल शर्मा का आलेख हमारे पूरे सौरमंडल में हमारी पृथ्वी से लगभग 1.5 अरब किलोमीटर की अंतहीन दूरी पर स्थित अपनी बेहतरीन खूबसूरत वलयों की वजह से केवल शनि ग्रह पूरे सौरमंडल में और शायद पूरे ब्रह्मांड में भी सबसे नयनाभिराम दृश्य पैदा करता है,लेकिन दुनिया के अन्य विकसित देशों में रहनेवाले लोग

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भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता का निधन पर शोक सभा आयोजित

औरंगाबाद खबर सुप्रभात कांग्रेस सेवा दल के राष्ट्रीय महासचिव कृष्ण कांत पाण्डेय का भारत जोडो यात्रा के दौरान मृत्यु हो गई । अनुग्रह स्मारक औरंगाबाद मे सेवादल के उपेन्द्र सिंह के नेतृत्व मे शोक सभा का आयोजन किया गया जिसमे मदन सिंह रामाधार शर्मा सूर्य देव यादव नागेंद्र सिंह उदय पासवान आदि शामिल हुए।

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प्रदूषण के लिए गरीब किसान नहीं,अपितु पूरी तरह से खरबपति कारनिर्माता पूंजीपति जिम्मेदार हैं !

गाजियाबाद से निर्मल शर्मा का आलेख भारत में दीपावली के बाद भयंकरतम् वायु प्रदूषण के लिए भारतीय गरीब किसान नहीं अपितु शसक्त और धनाढ्य कारवाही के कार्पोरेट्स जिम्मेदार हैं ! हमारे देश में हर साल अक्टूबर के महिने में बड़े पूँजीपतियों और कार लॉबी द्वारा अधिकतर पोषित पालतू दृश्य और प्रिंट मिडिया द्वारा हरियाणा और

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यूरोप की नदियां इतनी साफ -सुथरी क्यों ? हमारी गंगा मईया क्यों नहीं ? एक निष्पक्ष समीक्षा
( यात्रा संस्मरण )

गाजियाबाद से निर्मल शर्मा का आलेख    (भारत और यूरोप के देशों उदाहरणार्थ जर्मनी,ऑस्ट्रिया और चेक गणराज्य आदि देशों में अपने देश की नदियों ,अपने भूगर्भीय जल संरक्षण ,प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण करने की सोच और कृतित्व में जमीन-आसमान का फर्क है..इसी विषय पर लिखा मेरा लेख  तुलनात्मक स्तर पर लिखा गया है, मैं अक्टूबर

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वृद्धाश्रम की जरूरत क्यों होती है ?

गाजियाबाद से निर्मल शर्मा का आलेख भारतीय समाज में एक लोकोक्ति बहुत ज्यादा प्रचलित है कि ‘पूत सपूत तो का धन संचै ? और पूत कपूत तो का धन संचै ? ‘ हालांकि यह लोकोक्ति धन संचय की बेहिसाब लालच को रोकने के लिए बहुत सटीक है,लेकिन वर्तमान परिप्रेक्ष्य में कथित उदार माने जाने वाले

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ये प्रवेश वर्मा कौन है ?

गाजियाबाद से निर्मल शर्मा का आलेख      ये वही प्रवेश वर्मा है !,जो अपने सांप्रदायिक वक्तव्यों से दिल्ली में दंगे करवाया था !                                    ‘शाहीन बाग में लाखों लोग जमा हैं। दिल्ली की जनता को सोच-विचारकर ही फैसला लेना चाहिए। वे आपके घरों में घुस जाएंगे, आपकी मां-बहनों से दुष्कर्म करेंगे और उन्हें मार देंगे। अगर

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मोरबी पुल हादसा,हादसा नहीं,यह एक सामूहिक हत्या है :डा०प्रेफेसर अलमदार

निर्मल शर्मा का रिपोर्ट आज की तमाम पोस्ट गुजरात हादसे पर हैं, इसे मैं हादसा नहीं मानता अपितु यह सामूहिक हत्या है, नरसंहार की ही एक कड़ी, जो न पहली बार हुई है, न आख़िरी बार हो रही है ! ऐसे मामलों में बारम्बार अपराधियों को बचाया जाता है, क्योंकि वे ख़ास के “खास आदमी

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आर्थिक मंदी यूक्रेन – रूस युद्ध और ब्रिटिश पीएम लिए ट्रस का पद छोड़ना !

गाजियाबाद से निर्मल शर्मा का आलेख वित्तीय पूंजी का असाध्य संकट शुरू हो चुका है । 2008 से शुरू हुई आर्थिक मंदी ने स्थायित्व ग्रहण कर लिया है । जिसका असर आर्थिक और राजनीतिक संकट के‌ रूप में दिखने लगा है।             ब्रिटेन की 46 दिनी प्रधानमंत्री का इस्तीफा इस बात की स्वीकारोक्ति है कि संकट

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