मदनपुर में राष्ट्रीय ध्वज का हो रहा है अपमान, तिरंगा लगाना यदि शान है तो उसकी गरीमा को बनाये रखना भी हमारा कर्तव्य

सुनील कुमार सिंह खबर सुप्रभात समाचार सेवा


भारत की आजादी लेनें में हमारे कई महापुरुषों नें अपनें सिनें पर गोली खायी है, कई हँसते – हँसते फाँसी पर लटक गये, तो कई नें बर्बर अंग्रेजी हुकूम्मत की लाठियाँ खाई थी। झाँसी की रानी, चंद्रशेखर आजाद, वीर भगत सिंह, खुदी राम बोस, राम प्रसाद बिस्मिल, बीर कुँअर सिंह, महात्मा गाँधी, लाल बाल पाल के अनबरत संघर्षों एवं बलिदान के फलस्वरूप

15 अगस्त 1947 को हमारा देश अंग्रेजी हुकूम्मत से आजाद हुआ । भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू नें दिल्ली के लालकिला से पहली बार तिरंगा ध्वज फहराकर पुरे भारतवासियों को यह संदेश दिया कि – यह तिरंगा धवज हमारी आन -बान और शान है। इसे कभी झुकने मत देना, कभी अपमानीत होते मत देखना । तभी से पुरे भारतवासी राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा की शान बनाये रखनें के लिए हमेशा प्रयाशरत रहे हैं। हमारे वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी जी नें तो आजादी के अमृत काल में हर घर तिरंगा लगानें की अपिल भी पुरे भारत वासियों से की है। अभी हाल ही में ऑपरेशन सिन्दुर के क्रम में हमारी थल सेना एवं वायुसेना के वीर सैनिकों नें पाकिस्तान को तिरंगा की ताकत बता दी है। हम राष्ट्रीय गीत में भी खुब गाते है – लाया हूँ तुफान से किश्ती निकाल के, इस देश को बच्चों तुम रखना संम्भाल के । लेकिन दुःख तो तब होता है कि कोई भी राष्ट्रीय पर्व एवं अन्य आयोजनों में हम तिरंगा ध्वज तो लगा कर झुठी शान दिखाते फिरते हैं और हमारा ध्वज अपमानीत होता रहता है। किसी को इसओर ध्यान भी नहीं रहता कि मेरे द्वारा लगाये गये तिरंगा ध्वज की स्थिति अभी क्या है ? किसी भी राष्ट्रीय शोक में तिरंगा को झुका दिया जाता है । उसका ये मानी नहीं कि ध्वज लगे पोल को झुका दिया जाय । बल्क ये होता है कि राष्ट्रीय शोक के अवशर पर ध्वज की चौड़ाई के बराबर ध्वज पोल में नीचे की ओर सरकाकर खड़ा ही रखा जाता है। ऐसा ही मामला मदनपुर प्रखंड़ मुख्यालय के राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित मुख्य बाजार में निर्मित दुर्गा मंदिर द्वार पर देखा जा सकता है। नवरात्र के सुअवशर पर मदनपुर दुर्गा कमिटि के द्वारा दुर्गा मंदिर द्वार के उपर तिरंगा धवज लगाया गया है। पूजा कमिटि के द्वारा तिरंगा ध्वज दुर्गा मंदिर द्वार पर लगानें के बाद यह भुला दिया गया कि ध्वज की मर्यादा को बनाये रखना मेरा कर्तव्य भी है ? नतीजन विगत कई दिनों से तिरंगा ध्वज लगाये पोल में नीचे सरककर यह संकेत दे रहा है कि देखो मेरी हालत पूजा कमिटि वालों नें क्या बना रखी है ? कोई भी भारत माँ का लाल मेरी दुखड़ा तो सुनें । एक तरफ तिरंगा जहाँ लाल किला के प्राचीर पर लहराता दिखता है, तो वहीं दुसरी तरफ हमारे वीर शहीद सैनिकों के तन से लिपट भी जाता है। ऐसे में मदनपुर में तिरंगे ध्वज का अपमान, राष्ट्र के अपमान से कुछ कम तो नहीं है।