सुनील कुमार सिंह खबर सुप्रभात समाचार सेवा
शरदीय नवरात्रा के महा अष्ठमी एवं महा नवमी के दिन दुर्गा पंड़ालों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। माँ भगवती के कालरात्री एवं सिद्धिदात्री स्वरूप नयनाभिराम एवं अलौकिक है। स्त्री – पुरुष सुबह से ही माँ के अलौकिक स्वरूप के दर्शन के लिए उमड़ पड़े । स्थानीय कलाकारों एवं बंगाल के


कलाकारों के द्वारा दुर्गा पंड़ालों को भव्य एवं आकर्षक बनाने में कोई कमी नहीं छोडी गयी। खिरियावाँ का दुर्गा पंड़ाल, मदनपुर का दुर्गा पंड़ाल, खलारी ( झारखंड ) के राम – जानकी मंदिर का दुर्गा पंड़ाल बड़ा ही आकर्षक एवं मनहर है। पंड़ालों के अंदर माँ दुर्गा का शेर पर सवार होकर महिषासुर का मर्दन करते स्वरूप भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करते दिख रहा है। गीता में भी योगेश्वर भगावान श्री कृष्ण नें कहा है – – ” यदा यदा ही धर्मस्य ग्लार्नी भवति भारत,…………. विनाशाये च दुश्कृताम्…….. धर्म संस्थापनाये संध्यामि युगे युगे । ” जब -जब धर्म की हानि होगी, पापियों एवं दुराचारियों का प्रभाव पुण्य भूमि भारत में बढ़ेगा । तब – तब किसी न किसी रूप में पापियों – दुराचारियों को नाश करनें हेतु किसी न किसी स्वरूप में अवतार (ईश्वर ) लेते रहेंगे।
खिरियावाँ बाजार दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष सुरज कु. साहु, उपाध्यक्ष धीरज कुमार, कोषाध्यक्ष रौशन कुमार साहु, सचिव रौशन कुमार, उप सचिव चंदन कु. मेहता, सदस्य रविरंजन कुमार, संतोष कुमार, विशाल कुमार, चंदन कुमार नें दुर्गा पूजा को भव्य एवं आकर्षक बनानें में अपनी महत्वपूर्ण योगदान दिया ।