मदनपुर ( औरंगाबाद ) खबर सुप्रभात समाचार सेवा
औरंगाबाद जिले के मदनपुर प्रखंड मुख्यालय स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में एक छात्रा को बेहतर इलाज के अभाव में 19 अगस्त ( मंगलवार ) को मौत हो गई ।जानकारी के अनुसार विद्यालय में और कई छात्राएं बुखार के चपेट में आने का जानकारी मिली है। घटना के संबंध में वार्डेन प्रिती कुमारी ने बताई की नेहा कुमारी गया जिले के डुमरीया प्रखंड अंतर्गत ग्राम खरदाग के रहने वाली है तथा

कुछ महीनों से यहां रह कर पढ रही थी। वह छठा वर्ग के छात्रा थी। नेहा ने जैसे ही वार्डेन प्रिती कुमारी को बुखार लगने की जानकारी दी तो आनन-फानन में उसे स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराने ले गई जहां उसे इलाज के क्रम में मौत हो गई। वार्डेन प्रिती कुमारी को मानें

तो बीमार होने का जानकारी नेहा के रिश्तेदार मदनपुर थाना क्षेत्र के पितम्बरा में हैं और रिश्ता में मौसा लगते हैं को मोबाइल फोन पर देने का प्रयास किया लेकिन मोबाइल फोन से संपर्क नहीं हो सका। फलस्वरूप नेहा के मौत हो जाने के बाद उसे पोस्टमार्टम कराकर पितम्बरा गांव उसके मौसा के घर पार्थिव शरीर को भेज दिया गया। घटना के बाद आक्रोशित लोगों ने मदनपुर जी०टी० रोड़ को घंटों जाम कर दिया तथा प्रखंड कार्यालय का भी घेराव कर नारेबाजी किया। इस संबंध में वार्डेन ने स्थानीय थाना मदनपुर में एक आवेदन देकर मारपीट एवं गाली गलौज आदेश पाल सुनीता कुमारी, रसोईया मीना कुमारी एवं रंजु कुमारी के साथ गाली गलौज करने जान से मारने के नियत से गला दबाने व कागज़ात को फाड़ देने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई की मांग की है। आवेदन में बीजय यादव उर्फ गोलू ( बीडीसी प्रतिनिधि )ग्राम जमुनीया एवं भीम आर्मी के सदस्य रवि कुमार पिता बिगन पासवान के अलावा कई लोगों को आरोपी बनाया गया है। आवेदन में उल्लेख है कि आरोपी भीड़ को उकसाने का कार्य किया है। मामले में सच्चाई तो उच्चस्तरीय जांच से ही सामने आयेगा लेकिन कुछ स्थानीय लोगों को मानें तो विद्यालय में बुनियादी सुविधाएं खासकर स्वास्थ्य ब्यवस्था पर्याप्त नहीं है और लापरवाही के कारण छात्रा की मौत हुई है। इधर बीडीसी प्रतिनिधि बिजय यादव उर्फ गोलू ने कहा कि मृतक के परिजनों को बगैर सूचना का पोस्टमार्टम कराने का कारवाई से जाहिर होता है कि नेहा की मौत बुखार लगने से नहीं बल्कि प्रथम दृष्टया सुनियोजित हत्या प्रतित होता है। मैं केवल स्थानीय अधिकारियों से जनप्रतिनिधि होने के कारण अपना दायित्व को समझते हुए आवश्यक कार्रवाई करने तथा मृतक के आश्रितों को चार लाख रुपए मुआवजा दिलाने का मांगा शांतीपूर्ण तरीके से किया हूं। यदि किसी के द्वारा उकसाने और बहकाने का आरोप लगाया जा रहा है तो बिल्कुल आधारहीन आरोप है। उन्होंने सभी घटना का वैज्ञानिक जांच कराने का मांग करते हुए सीसीटीवी फुटेज को सार्वजनिक करने का भी मांग किया है।