दो टके का एक सवाल -क्या अधिकारियों के मिली भगत से शमशेर नगर में खाद का हो रहा काले बाजारी, जिला कृषि पदाधिकारी का भी भूमिका पर उठ रहा सवाल


औरंगाबाद खबर सुप्रभात समाचार सेवा


जिले के दाउदनगर अनुमंडल अंतर्गत शमशेरनगर में लगातार डीएपी व अन्य उर्वरक का काले बाजारी करने का मामला प्रकाश में आ रहा है। 05अगस्त को फिर ग्रामीणों ने लगभग 150-200 बोरा डीएपी खाद कालेब जारी के लिए कहीं अन्य बाजार में भेजा जा रहा था। जानकारी मिलते ही ग्रामीणों ने धावा बोल दिया तथा खाद से लद्दे पिकप वाहनों को पकड़

लिया और इसकी सूचना 112नम्बर पुलिस तथा दाउदनगर थाना को दिया गया। सूचना पाते ही 112नम्बर पुलिस और दाउदनगर थाना मौके पर पहुंची और खाद सहित वाहनों को जप्त कर थाना लाया गया। इस संबंध में जब थानाध्यक्ष से पुछा गया तो उनके द्वारा भी पुष्टि किया गया है। इस मामले में दोषियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज भी किया जा रहा है के ज़बाब में थानाध्यक्ष ने बताये की मामले का जानकारी अनुमंडल पदाधिकारी ( एसडीजेएम) दाउदनगर को दिया गया है। जांच के बाद जैसा अधिकारियों का निर्देश आने पर आगे का कारवाई किया जायेगा। हालांकि ग्रामीणों का आरोप है कि खाद के कालेब जारी विभागीय अधिकारियों के मिली भगत से हो रहा है और जांच के नाम पर कालेब जातियों को बचाया जा रहा है। ग्रामीणों को यह भी आरोप है कि यदि पुलिस तत्परता नहीं दिखाती तो खाद कालेबजार में पहुंच जाता। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि जब मामले का त्वरित जानकारी दाउदनगर अनुमंडल कृषि पदाधिकारी और प्रखंड विकास पदाधिकारी को मोबाइल फोन से दिया जा रहा था तो अधिकारियों द्वारा call riciv नहीं किया जा रहा था। इससे साफ़ जाहिर होता है कि अधिकारियों के संरक्षण में ही शमशेर नगर पैक्स से खाद का काले बाजारी हो रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि एक सप्ताह पूर्व भी गोदाम में रखे अवैध खाद को ग्रामीणों द्वारा घेराव किया गया और जब अधिकारियों द्वारा छापेमारी कर गोदाम को शील भी किया गया। मामले में जिला कृषि पदाधिकारी औरंगाबाद का पत्रांक 1749 दिनांक 26.7.2025के अनुसार प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है लेकिन अभी तक मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं किया जा सका है और जांच के नाम पर लिपापोती और बचाव किया जा रहा है। ग्रामीणों को मानें तो खाद के लगातार हो रहे कालेब जारी में प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रुप से अधिकारियों का मिली भगत है तभी तो कानून व विधी संवत कारवाई सुनिश्चित नहीं किया जा रहा है।