अम्बुज कुमार खबर सुप्रभात समाचार सेवा
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर चिरैयाँटाँड गांव में हुआ भव्य कार्यक्रम जिसमें वृक्षारोपण, पौधा वितरण के साथ चिड़ियों के लिए लकड़ी से बने सौ घोषलों का वितरण किया गया । इस कार्यक्रम का आयोजन गुड़गांव स्थित अभास्त्रा टेक्नोलॉजी कंपनी के सीईओ चिरईयाँटाँड गांव के स्थानीय निवासी सुमन शेखर ने किया था ।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता भारतीय किसान यूनियन औरंगाबाद के संयोजक वशिष्ठ प्रसाद सिंह ने किया जबकि मंच संचालन संजीत पांडेय ने किया । इस कार्यक्रम में कुटुम्बा प्रखंड के प्रमुख धर्मेंद्र कुमार व नबीनगर प्रखण्ड के प्रखंड विकास पदाधिकारी अरुण कुमार सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे । इस कार्यक्रम में आए प्रखंड विकास पदाधिकारी, प्रखंड प्रमुख तथा अन्य आगत अतिथियों ने पौधा रोपण किया तथा क्षेत्र के उपस्थित लगभग डेढ़ सौ लोगों को कार्यक्रम में पेंड लगाने का उनसे संकल्प लेकर उनमें पौधा का वितरण किया गया ।
कार्यक्रम का विशेष आकर्षण लकड़ी से बना चिड़ियों का एक सौ सुंदर सुंदर घोषला था जिसे पक्षी प्रेमियों में वितरित किया गया ।
आयोजनकर्ता सुमन शेखर ने बताया कि मुझे पेंड पौधे लगाने का बचपन से ही सौख है जिसे कमोबेस हर साल लगाने का काम करता रहता हूं । इसके अलावा पक्षियों की महत्ता को समझते हुए पिछले पाँच साल से मैं चिड़ियों के लिए घोसला भी लगा रहा हूं ।
उल्लेखनीय है कि सुमन शेखर के पिता राजकुमार सिंह क्षेत्र के जानेमाने पर्यावरणविद हैं जिन्होंने ढाई सौ से अधिक अपने क्षेत्र में पीपल का पेंड लगा दिया है । आज उनका जन्मदिन भी था । इस कार्यक्रम में चिरईयाँटांड और ओर गांव के पर्यावरण से प्रेम करने वाले तीन दर्जन से अधिक युवोवों को पर्यावरण बचाने का संकल्प दिलाया गया तथा उन्हें अभास्त्रा कंपनी के तरफ से सम्मान पत्र भी दिया गया !
कार्यक्रम में आए प्रखंड प्रमुख धर्मेंद्र कुमार ने विलुप्त होती जा रही गौरैया चिड़ियाँ पर दुःख व्यक्त करते हुए उसके महत्ता को बताया।उन्होंने बताया कि गौरैया चिड़ियाँ कीड़े मकोड़ों के अंडों को ढूंढ़कर खा जाती है जो एक जगह लाखों की समूह में होते हैं। आज जैसे जैसे गौरैया विलुप्त होते जा रही है वैसे वैसे टिड्डियों और अन्य प्रकार के कीड़ों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है । मौके पर उपस्थित राजकुमार सिंह ने कहा कि अगर पूरी दुनियां में एक भी मंदिर, एक भी मस्जिद, एक भी चर्च, एक भी गुरुद्वारा ना हो तो लोग जिंदा रहेंगे,जीव जंतु रहेंगे पर जिस दिन दुनियाँ में एक भी पेंड नहीं होंगे उस दिन कोई जिंदा नहीं रहेगा। मतलब दुनियाँ के असली मंदिर तो पेंड हैं जिनसे हम जिंदा हैं ।
मुख्य अतिथि के रूप में आये नबीनगर प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि एक पीपल का वृक्ष प्रतिदिन पच्चीस लीटर ऑक्सीजन देता है और एक लीटर का कीमत आज तीन सौ पचास रुपया है । इस हिसाब को जोड़ें तो एक पीपल का वृक्ष एक साल में लगभग बत्तीस लाख रू का ऑक्सीजन देता है । अगर आप अपने जीवन में केवल एक पीपल वृक्ष लगाते हैं तो आप इस देश को हर साल बत्तीस लाख रू का दान देते हैं !
औरंगाबाद से आये सिन्हा कॉलेज के विज्ञान प्रोफेसर रजनीश कुमार ने कहा कि अगर आप एक विद्यालय खोलते हैं तो आप एक जेल को बंद करते हैं उसी तरह अगर आप एक पीपल वृक्ष लगाते हैं तो एक सौ लोगों को जीवन देते हैं ।
इस अवसर पर रक्तवीर के नाम से विख्यात बमेंद्र सिंह, जगदीशपुर पंचायत के पूर्व मुखिया प्रतिनिधि जयप्रकाश सिंह, पैक्स प्रतिनिधि विनय सिंह, समाजसेवी डॉ मनोज सिंह, समाजसेवी शैलेन्द्र कुमार सिंह, विजेंद्र मेहता, बीरेंद्र मेहता, रामाश्रय सिंह, नंदकिशोर सिंह, मुकेश सिंह, रवि सिंह, मनीष सिंह,अखिलेश सिंह, मुरारी सिंह आदि सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित थे ।