औरंगाबाद खबर सुप्रभात समाचार सेवा
औरंगाबाद जिले के कुटुम्बा प्रखंड अंतर्गत परता मध्य विद्यालय में 2015 से दलित गरीब व पिछड़े समुदाय के छात्र – छात्राओं को मिलने वाले छात्रवृत्ति मद्द के राशि को भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ाया गया है। लगभग 16 लाख रुपए का घोटाला करने का मामला प्रकाश में आया है। 16 लाख रुपए संभवतः सूद ब्याज सहित 32 लाख पहुंच गया है। लेकिन

जांच के नाम पर अभी तक घोटालेबाजों को स्वतंत्र विचरण करने के लिए छोड़ दिया गया है। फलस्वरूप भ्रष्टाचार के मामले में सरकार के 0 टारलेंश के दावा का जहां असलियत उजागर हो रहा है वहीं कानून व सामाजिक न्याय का दावा भी तार तार हो रहा है। बताते चलें कि कुटुम्ब प्रखंड के परता मध्य विद्यालय के फर्जी प्रधानाध्यापक पुनम देबी के नाम पर पंजाब नेशनल बैंक शाखा रिसियप में खाता 2015 में खोला गया है। पुनम देबी द्वारा बैंक में खाता खोलने हेतु जो आवेदन/ फ़ार्म भरा गया है उसमें उल्लेखित मोबाइल नम्बर 9931410757 है। जो पुनम देबी नहीं बल्कि बिचौलिए का मोबाइल नंबर है। इसके अलावे विद्यालय के शिक्षा समिति के अध्यक्ष सबिता देबी ने पुनम देबी के हस्ताक्षर व फोटो का सत्यापन किये हैं। सबिता देबी कौन है यह भी प्रकाश में अभी तक नहीं आया है। मामले में जिला निलाम पत्र पदाधिकारी औरंगाबाद द्वारा अम्बा थाना के माध्यम से परता निवासी पुनम कुमारी पती भीमसेन पाण्डेय को नोटिस तामिला कराया गया है। जिला निलाम पदाधिकारी द्वारा नोटिस तामिला कराये जाने के बाद अफवाह और तरह तरह का चर्चा हवा में तैर रहा है। मामले में पुनम कुमारी जो कि प्राथमिक विद्यालय पतिला में प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद पर प्रारंभ से आज तक पदस्थापित है तो उनके नाम पर मध्य विद्यालय परता का खाता पंजाब नेशनल बैंक में कैसे खुल गया यह भी एक रहस्यमय बना हुआ है तथा घोटालेबाजों का एक बड़ा स्कैंडल चलने का साफ उदाहरण है। इस मामले में पुनम कुमारी प्रभारी प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालय पतिला द्वारा जिला कल्याण पदाधिकारी एवं सांख्यिकी पदाधिकारी को आवेदन देकर गुहार लगाई है कि मध्य विद्यालय परता में मैं कभी भी पदस्थापित नहीं रहा है तथा पंजाब नेशनल बैंक शाखा रिसियप में खोले गए खाता से मेरा दुर दुर तक कोई मतलब नहीं है। जिला निलाम पत्र पदाधिकारी सह शांखि्यकी पदाधिकारी को दिये गए आवेदन का छाया प्रति पुनम कुमारी द्वारा खबर सुप्रभात को उपलब्ध कराया गया है। आवेदन में यह भी उल्लेख है कि मैं महिला हूं इसलिए मुझे परेशान और जलील किया जा रहा है। आवेदन के माध्यम से पुनम कुमारी ने दावा किया है कि बैंक खाता व आवेदन/ फार्म पर मेरा न तो फोटो है और नहीं हस्ताक्षर। पुनम कुमारी के दावे के बाद मामले में नया मोड़ आ गया है जो गंभीर मामला है और उच्चस्तरीय जांच से ही मामले में असलियत उजागर होगा साथ ही आख़िर पुनम देबी कौन है यह एक पहेली बनते जा रहा है। लेकिन घोटालेबाजों का जाल में फंसे जांच अधिकारी का पंजा घोटालेबाजों तक पहुंचेगा या फिर जांच अधिकारी भी घोटाले के दरिया व उसके जाल में फंसकर रह जायेंगे? वैसे कहा जाए कि घोटाला और षड्यंत्र चाहे जो भी करे वह दलित गरीब और पिछड़े वर्ग के छात्र छात्राओं के साथ घोर अन्याय किया है और सच्च कहा जाए तो वह मूल रूप से गरीब दलित और पिछड़े वर्गों का दुश्मन है। जरुरत है सींग नेचर स्पष्ट से सहयोग लेकर घोटाले के तह तक पहुंचना और दोषी बच्चे नहीं निर्दोष फंसे नहीं का रास्ता अख्तियार करने का।