रफीगंज विधानसभा में दरकते एमवाई समिकरण


औरंगाबाद खबर सुप्रभात समाचार सेवा


ज्यों ज्यों बिहार विधानसभा का चुनाव नजदीक आ रहा है वैसे वैसे औरंगाबाद जिले के रफीगंज विधानसभा क्षेत्र में माई समिकरण दरकते नजर आ रहा है। दरकते माई समिकरण राष्ट्रीय जनता दल के शिर्ष नेतृत्व को जहां टेंशन बढ़ा दी है वहीं विपक्षियों में प्रसन्नता एवं मुस्कुराहट भी देखने को मिल रहा है। बताते चलें कि रफीगंज विधानसभा क्षेत्र से

मोहम्मद नेहालुद्दीन, विधायक रफीगंज

राजद नेता व जिला पार्षद शंकर यादुवेंदु जहां विधानसभा चुनाव लडने के लिए मोर्चा खोल चुके हैं वहीं राजद के वर्तमान विधायक नेहालुद्दीन अंसारी अपने समर्थकों के साथ 2025 में पुनः चुनाव जितने के लिए सभी रणनीति बनाने के साथ साथ जनता से सिधे संपर्क में हैं। ऐसे में देखना यह है कि इस बार विधानसभा चुनाव में राजद अपना प्रत्याशी के रुप में पुनः वर्तमान विधायक नेहालुद्दीन को टिकट देकर चुकानी अखाड़ा में उतारता है या फिर राजद नेता व जिला पार्षद शंकर यादुवेंदु को लालटेन देकर चुनावी अखाड़ा में ताल ठोकने के लिए उतारता है। वैसे सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राजद नेतृत्व के समक्ष गंभीर रूप से टेंशन बनते जा रहा है कि आखिर रफीगंज विधानसभा में माई समिकरण का भविष्य क्या होगा? यदि राजद नेतृत्व शंकर यादुवेंदु को टिकट देगा तो क्या मुस्लिम मतदाता शंकर यादुवेंदु को स्वीकार करेंगें या फिर कहीं और रुख करेंगे? यदि वर्तमान विधायक नेहालुद्दीन को राजद पुनः टिकट देकर चुनावी अखाड़ा में उतारता है तो इस स्थिति में यादव मतदाता नेहालुद्दीन के पक्ष में मतदान कर एमवाई समिकरण को बरकरार रखेंगे या फिर मतों का बिखराव के साथ एमवाई समिकरण ध्वस्त होगा ? वैसे संदेह जताया जा रहा है कि यदि राजद नेतृत्व शंकर यादुवेंदु को इस बार चुनावी अखाड़े में नहीं उतारता है तो वे निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में भी अपना किस्मत आजमा सकते हैं। क्षेत्र में चुनावी व राजनैतिक अनुभव रखने वाले कई लोगों ने अभी नाम न छापने के शर्तों पर बताया कि रफीगंज विधानसभा क्षेत्र में जो इस बार हलात अभी तक सामने है इससे साफ़ जाहिर होता है कि लोकसभा चुनाव ( 2024 )में नवादा में जो राजद का जो परिणाम भुगतना पड़ा कहीं रफीगंज में भी वही परिणाम भुगतना नहीं पड़ जाये।