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पेयजल के लिए मचा हाहाकार, सरकार एवं जनप्रतिनिधियों का लापरवाही उजागर

नवादा से नीतीश कुमार की रिपोर्ट


नवादा जिले के हिसुआ विधान सभा के अंतर्गत सोनसा ग्राम पंचायत के सोनसा गांव में आजकल पेयजल संकट विकराल रूप धारण कर लिया है। पेयजल के लिए यहाँ सरकार द्वारा प्रदत्त नल जल सिर्फ शोभा की वस्तु बनकर दम तोड़ चूका है। प्यास बुझाने खातिर पानी के लिए लोगों में खासकर समाज के कमजोर वर्गों में आज हाहाकर व कोहराम मचा

हुआ है। पेयजल के लिए जबर्दस्त अफरा-तफरी की स्थिति उतपन्न हो गई है। नल जल योजना सरकार व जन प्रतिनिधि की उपेक्षा व लापरवाही के चलते सोनसा गांव में बड़ी भयंकर पेयजल की समस्या बनकर उभरी है। समाज के कमजोर तबके के लोग पानी के लिए मानो कोई रेलवे स्टेशन पर आपाधापी टिकट लेने की होड़ जैसी भीड़ की कतारे लगी हो। सम्बंधित सरकारी अधिकारी व जन प्रतिनिधि उभरते जन शिकायत के बावजूद कानों में तेल डालकर कुम्भकर्णी निद्रा में सो रहे हैं। उनके कानों पर जरा सा भी जूं तक नहीं रेंग रहा है और न तो कोई सार्थक पहल की जा रही है। तब एक अक्ष्य सवाल उठ खड़ा हो गया है कि यहाँ की तथाकथित सुशासन व कानून की राज में सरकार व जनप्रतिनिधि आखिर आम अवाम के प्रति कितने संवेदनशून्य हो गए हैं,इसी से इसका अंदाज व हकीकत की पता लगाया जा सकता है। डबल इंजन की कथित सुशासन राज में विकास की गंगा बहने की ढिंढोरा सिर्फ पिटने व खुद अपनी पीठ थपथपाने में अथक प्रयास कर रही है। लेकिन, दूसरी ओर जमीनी सच्चाई कुछ और ही वखान कर मुंह चिढ़ा रही है।
गम्भीर उत्पन्न ताजा पेयजल संकट से मुक्ति को लेकर जनता बड़े आंदोलन के मूड के लिए मजबूर हैं। जनता की आक्रोश अब कब कैसा विस्फोटक रूप अख्तियार कर लेगा कहना बेहद मुश्किल है। इसके लिए मूल जिम्मेवार सम्बंधित अधिकारी तथा जन प्रतिनिधि ही होंगे। अगर समय रहते पेयजल समस्या से अविलम्ब निजात नहीं दिलाया गया तो जनता को संघर्ष की राह पर उतरने से दुनिया की कोई भी ताकत नहीं रोक पायेगी। जनता ने भी कोहराम मचा देने की संकल्प ले रखा है। आश्वासन की घुट पिलाने से कभी भी प्यास बुझने वाली नहीं है।