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जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में गहराने लगा पेयजल संकट, श्री सीमेंट फैक्ट्री पेयजल संकट के लिए पुरी तरह से जिम्मेवार, आखिर अधिकारी और जनप्रतिनिधि अनभिज्ञ क्यों ?


औरंगाबाद खबर सुप्रभात समाचार सेवा


अप्रैल माह में ही जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट काफी गहरा गया है। पेयजल के लिए लोगों को काफी मशक्कत करना पड़ा रहा है। इसका कारण जल श्रोत को काफी नीचे चला जाना बताया जा रहा है। जिला मुख्यालय स्थित अधिकांश मुहल्लों में पेयजल संकट गहराया हुआ है जानकारी के अनुसार जिले के दक्षिणी हिस्से

श्री सीमेंट, जसोइया मोड़ औरंगाबाद

मदनपुर, कुटुम्बा, नबीनगर प्रखंड के ग्रामीण इलाकों में पेयजल संकट का वजह जल श्रोत को नीचे चले जाना तो कारण है ही साथ ही पीएचईडी ( लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग) के लापरवाही भी पेयजल संकट के लिए जिम्मेवार है। खराब पड़े चपाकलो का मरम्मत नहीं होना, नल जल योजना को मरम्मत नहीं कराना पेयजल संकट का कारण बना हुआ है। वहीं जिला मुख्यालय स्थित रसोईया में श्री सीमेंट फैक्ट्री अपने एकरनामा के विपरित फैक्ट्री कैम्प्स में अनगिनत बोरींग कर अपना पानी का जुगाड तो कर लिया है लेकिन अनगीनत बोरींग जम कर जल दोहन कर रहा है फल स्वरुप जल श्रोत काफी नीचे चला गया है और शहर में जल संकट उत्पन्न करने में अहम भूमिका नीभा रहा है। जानकारी के अनुसार श्री सीमेंट फैक्ट्री को एकरनामा के अनुसार अपना पानी सोन नदी से भुमिगत पाइप लाइन के द्वारा सोन नदी से पानी लाना है। मगर ऐसा नहीं कर अपने कम्पाउंड में ही अनगिनत बोरींग कर जलदोहन कर रहा है। ऐसे हालत में पेयजल संकट के लिए फैक्ट्री प्रबंधन को जिम्वार समझा जा रहा है। आश्चर्य तो यह है कि जनप्रतिनिधियों यहां तक डिप्टी सीएम भी इस बात को स्वीकारते अवश्य हैं लेकिन आखिर कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं हो रहा है यह एक यक्ष प्रश्न जिलावासियों के बीच आज भी बना हुआ है।नाम नहीं छापने के शर्तों पर शहरवासियों ने खबर सुप्रभात प्रतिनिधि को बताये की जिले में श्री सीमेंट फैक्ट्री और एनटीपीसी प्रबंध के मनमानी जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों तथा गोदी मिडिया के संरक्षण में चल रहा है।