सुनील कुमार सिंह खबर सुप्रभात समाचार सेवा
मदनपुर प्रखंड के अति नक्सल प्रभावित सलैया थाना के चाल्हो के गोद में बसा डिप्टी बिगहा कभी इस क्षेत्र का काश्मीर हुआ करता था। यहाँ के मालदह आम पुरे क्षेत्र में मशहुर था । 1945 में मदनपुर थाना पर अंग्रेजी हुकुम्मत के द्वारा इन जगह के जमीनों का खुली बोली लगाकर निलाम किया गया था। मदनपुर थाना क्षेत्र के पहरपुरा ( वार ) के ही

स्व. शिव ध्यान सिंह अंग्रेजी हुकुम्मत में डिप्टी कमिश्नर हुआ करते थें। उन्होनें खुली डाक में जमीन खरीदी । यहाँ बंगला बनाकर नाम रखा – डिप्टी बिगहा । बगल के 2 K M आगे की जमीन पर बंगाला बनाकर अपनें भाई लखन सिंह के नाम पर नाम रखा – लखनपुर ।दोनों भाई दो मौजा पर रह कर खेती – गृहस्थी करवाने लगे। कृषि -मजदुर की दिक्कत हुई, तो अगल -बगल के गाँवों से जाकर भुंईया, बेलदार, पासी, रविदास, चौहान नोनिया जाति के सैंकड़ो लोगों को बुलाकर घर बनाने की जमीन दिए । खुब सुन्दर ढ़ंग से कृषि कार्य डिप्टी बिगहा एवं लखनपुर में होने लगा। लेकिन 1970 की दशक में ही चाल्हो के आंगन से ही बिहार में नक्सली आन्दोलन में जन्म लिया। 1980 आते -आते इनकी लखनपुर मौजा एवं डिप्टी बिगहा मौजा पर नक्सलियों नें लाल झंडा गाड़ कर कब्जा जमा लिया । नतीजन डिप्टी साहव का परिवार पूर्णरूपेण यहाँ से पलायन कर अपनें पैतृक निवास पहरपुरा (वार ) में भयवश आकर रहने लगा । आज भी वहीं के मजदुर उनके खेतों में फसल उगा कर दोनों हिस्सा भोग कर मालिक बन बैठे हैं। क्या सरकार स्व. डिप्टी साहव शिव ध्यान सिंह के बंशज को अपने जमीन पर पुनः काबिज करायेगी । पुछता है भारत ?