अम्बुज कुमार खबर सुप्रभात समाचार सेवा
सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, औरंगाबाद में 12 अप्रैल 2025, दिन शनिवार को कक्षा 6 के भैया-बहनों के अभिभावकों के लिए एक अभिभावक गोष्ठी का सफल आयोजन किया गया। इस अवसर पर अभिभावक गोष्ठी की शुरुआत दीप प्रज्वलन कर की गई उपस्थित अतिथियों में विद्यालय के प्रधानाचार्य नीरज कुमार कौशिक, बजरंगी प्रसाद, अभिभावक गोष्ठी मैं मनोनीत


अध्यक्ष बृजनंदन यादव उप प्रधानाचार्य सुरेश मेहता महानुभाव उपस्थित रहे साथ ही विद्यालय के कक्षा 6 के कक्षाचार्य किरण दीदी, अंजलि दीदी,नंदलाल पाठक,अनुराग मिश्रा आचार्य भी उपस्थित रहे।अभिभावक गोष्ठी का उद्देश्य छात्रों की शैक्षणिक प्रगति, नैतिक विकास तथा उनके सर्वांगीण विकास पर अभिभावकों और शिक्षकों के मध्य प्रभावी संवाद स्थापित करना था। गोष्ठी की शुरुआत विद्यालय की आचार्य अंजलि जायसवाल द्वारा उपस्थित अभिभावकों के स्वागत एवं परिचय से हुई। उन्होंने विद्यालय की कार्यशैली और इस गोष्ठी के महत्व को रेखांकित किया। परिचय के पश्चात, विद्यालय की आचार्य किरण दीदी ने गोष्ठी की प्रस्तावना प्रस्तुत की, जिसमें उन्होंने इस आयोजन के उद्देश्य, विषयवस्तु और इसके महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। इसके उपरांत बहन हर्षिका कुमारी द्वारा एक भावनात्मक एकल गीत प्रस्तुत किया गया, जिसने उपस्थित अभिभावकों और आचार्यगण को भावविभोर कर दिया। उनकी प्रस्तुति ने कार्यक्रम में सांस्कृतिक रंग भर दिया और वातावरण को ऊर्जा से भर दिया। सांस्कृतिक प्रस्तुति के बाद अभिभावकों से उनके सुझाव एवं विचार आमंत्रित किए गए। अभिभावकों ने खुले मन से अपने अनुभव साझा किए तथा विद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता, अनुशासन, संस्कार और निरंतर संवाद की सराहना की। साथ ही कुछ उपयोगी सुझाव भी दिए, जिन्हें विद्यालय प्रशासन ने गंभीरता से सुना और नोट किया। इसके पश्चात विद्यालय के प्रधानाचार्य नीरज कुमार कौशिक ने उपस्थित अभिभावकों को संबोधित करते हुए विद्यालय की कार्यप्रणाली, विद्यार्थियों में नैतिक मूल्यों के समावेश तथा अनुशासन के प्रति अपनाए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने यह भी कहा कि “छात्रों का सर्वांगीण विकास तभी संभव है जब अभिभावक और विद्यालय के शिक्षक मिलकर साझा प्रयास करें।” विद्यालय के सचिव बजरंगी प्रसाद ने धन्यवाद ज्ञापन अर्पित करते हुए कहा, “शिक्षा जब संस्कृति से जुड़ी रहेगी, वहीं रचनात्मक शिक्षा कहलाएगी।” उनका यह विचार उपस्थित अभिभावकों एवं शिक्षकों के लिए अत्यंत प्रेरणादायी सिद्ध हुआ। अभिभावकों ने विद्यालय द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और शिक्षकों के साथ नियमित संवाद बनाए रखने की प्रतिबद्धता जताई।कार्यक्रम का समापन शांति मंत्र के साथ हुआ। यह आयोजन शिक्षक-अभिभावक सहयोग को प्रगाढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल सिद्ध हुआ।