पटना संवाद सूत्र खबर सुप्रभात समाचार सेवा
8 अप्रैल को रात्रि में अज्ञात असमाजिक तत्वों द्वारा औरंगाबाद जिले के अम्बा थाना क्षेत्र अंतर्गत परता में खबर सुप्रभात ( पोर्टल एण्ड यूट्यूब चैनल) के प्रधान कार्यालय सह आवासीय परिसर में अचानक आग लगा कर जलाने का प्रयास किया गया। यदि स्थानीय ग्रामीण समय रहते आग पर काबू नहीं पाता तो मंगलवार के रात मंजर कुछ और ही देखने को मिलता। आश्चर्य यह है कि घटना के जानकारी औरंगाबाद

पुलिस अधीक्षक को ई – मेल से दिया गया है लेकिन घटना के जांच अभी प्रारंभ नहीं हुआ है। मामले में स्थानीय पुलिस का संवेदनहीनता साफ दिखाई पड़ रहा है। ऐसे में संवेदनहीन पुलिस पदाधिकारी से सरकार को जहां बदनामी हो रही है वहीं अपराधियों का मनोबल बढ़ रहा है। उक्त बातें हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (से ०) के प्रदेश प्रवक्ता सह प्रदेश उपाध्यक्ष रविन्द्र शास्त्री ने कहे। उन्होंने जिला प्रशासन से कार्यालय सह आवासीय परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे का फुटेज खंगाल कर असमाजिक तत्वों को चिन्हित करते हुए अविलम्ब शक्त कारवाई करने तथा पीड़ित पक्ष को पूर्ण सुरक्षा की गारंटी करने का मांग जिला प्रशासन से किये। प्रदेश प्रवक्ता सह प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा कि पत्रकारों को डराने-धमकाने, फर्जी मुकदमों में फंसाना लोकतंत्र पर हमला है और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ( से ०) इसे कभी बर्दाश्त नहीं करेगा। बिहार में सुशासन और कानून का राज स्थापित है लेकिन चंद पुलिस अधिकारियों के संवेदनहीनता के कारण सुशासन और कानून के राज पर आए दिन सवाल खड़ा हो रहा है। इसके अलावा हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के सिवाना प्रभारी तथा प्रदेश सचिव राकेश कुमार सिंह ने भी कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि घटना के पीछे एक बड़ा षड्यंत्र प्रतित होता है जो सीसीटीवी फुटेज खंगालने पर सच्चाई प्रकाश में आएगा। उन्होंने भी स्थानीय पुलिस प्रशासन से मामले का अविलम्ब जांच कर दोषियों को अविलंब सलाखों के पीछे ढकेलने का मांगा किया है। पार्टी के महिला प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव ने भी घटना का घोर निन्दा करते हुए कहा कि लोकतंत्र के चतुर्थ स्तम्भ पर हमला हो रहा है और स्थानीय पुलिस प्रशासन मुकदर्शक बनी हुई है। फलस्वरूप सरकार को बदनामी हो रही है जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।इधर वृत्ति भुनेश्वर पुस्तकालय दरमी कला ( नबीनगर ) के अध्यक्ष विकास भुनेश्वर ने भी लोकतंत्र पर हमला करार देते हुए कहा कि जब पत्रकारों को कलम और जुबान बंद करने और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष खबर परोसने से भयभीत करने का षड्यंत्र किया जाएगा तो बुद्धिजीवी वर्ग भी चुप्पी साध बैठे नहीं रहेगा और लोकतांत्रिक व्यवस्था को बचाने के लिए आगे आने के लिए मजबूर होगा और तब इसकी जिम्मेवारी स्थानीय शासन – प्रशासन पर होगा।