अम्बुज कुमार खबर सुप्रभात समाचार सेवा
8 अप्रैल 2025 को जिला पदाधिकारी, श्रीकांत शास्त्री की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागर में आपदा प्रबंधन विभाग अंतर्गत ग्रीष्मकालीन तैयारी से संबंधित लू एवं गर्मी से बचाव हेतु ससमीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई। जिला पदाधिकारी महोदय द्वारा त गर्मी के मौसम में संभावित आपदा से सुरक्षा हेतु विभागवार समीक्षा की। गर्मी के कारण सुखाड़,आगलगी पीने का पानी की कमी, लू जैसे आपदा से निपटने के लिए सभी संबंधित विभाग के पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए। बैठक में जिला पदाधिकारी के द्वारा बताया कि ग्रीष्मकाल प्रारम्भ होने वाला है। भीषण गर्मी एवं लू (Heatwaves) के कारण जन-जीवन प्रभावित होता है। स्वास्थ्य एवं पेय जल संबंधी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। विशेष रूप से बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं दिहाड़ी मजदूरों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। पेय जल संकट की स्थिति भी उत्पन्न हो जाती है। ऐसे में यह आवश्यक है कि राज्य सरकार के विभागों के द्वारा आम जनों को भीषण गर्मी एवं लू से बचाव हेतु कारगर उपाय एवं कार्रवाई की जाय। बैठक में जिला पदाधिकारी के द्वारा सिविल सर्जन को निर्देश दिया गया कि सभी अस्पतालों में लू से प्रभावितों के इलाज हेतु विशेष व्यवस्था यथा पेयजल की समुचित व्यवस्था, दवा की उपलब्धता ओआरएस घोल की उपलब्धता, ऑक्सीजन सिलेंडर, डॉक्टर्स की प्रतिनियुक्ति, साफ-सफाई की उचित व्यवस्था एवं अस्पतालों ओपीडी स्थल में एसी और कुलर की पर्याप्त व्यवस्था करना सुनिश्चित करें। साथ ही साथ ओआरएस घोल बंटवाने हेतु पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रखें। सभी पीएचससी अस्पतालों में कम से कम 05 वतानुकूलित बेड लू प्रभावितों मरीज के लिए बनाएं।
इसके अतिरिक्त आवश्यकता अनुसार प्रभावित क्षेत्र के लिए चलंत चलंत चिकित्सा दल का भी व्यवस्था सुनिश्चित करें। जिला पदाधिकारी के द्वारा सभी कार्यपालक पदाधिकारी से संबंधित वार्डो में पेयजल की समस्या का समाधान किस प्रकार कर रहे हैं इसकी बिंदुवार जानकारी ली एवं वार्डो में पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था टैंकर, वाटर एटीएम एवं पेआउ के माध्यम से माध्यम से करने का निर्देश दिए। शहरी क्षेत्र में सार्वजनिक स्थलों पर पेयजल की व्यवस्था,खराब चपकालों की युध्दस्तर पर मरम्मति करने का एवं स्लम क्षेत्र एवं आश्रय स्थलों में पेयजल और व्यवस्था भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिए। कार्यपालक अभियंता लोक स्वास्थ्य प्रमंडल को के द्वारा बताया गया कि जिले में कुल 12000 चापाकल अधिष्ठापित है। जिसमें में कुल लगभग 1000 चापाकल खराब स्थिति में थी जिसमें 468 चापकलों को मरमती कर दिया गया है।
जिला पदाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि सभी खराब चापाकल को 15 दिनों के अंदर में मरम्मती करना सुनिश्चित करें। इसकी अतिरिक्त निर्देश दिया गया कि जिन वार्डों में नल जल फंक्शनल नहीं है उसे यथाशीघ्र मरम्मति करायें। पशु एवं मत्स्य पदाधिकारी को पशुओं की दवा की पर्याप्त उपलब्धता एवं पशुओं के लिए पानी पीने की समुचित व्यवस्थाके बारे में पूछे एवं आवश्यक दिशा निर्देश दिया गये। इसके अतिरिक्त जिला पदाधिकारी द्वारा सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि पर किसी घर में आग लगी की घटना होती है तो उसे अविलंब मुआवजा भुगतान करें अगर किसी घर में सारा सामान जल गया हो तो उन परिवारों के लिए खाना-पीना का भी व्यवस्था करें। इस भीषण गर्मी में के कारण सुखाड़, पीने का पानी की समस्या, लू जैसे आपदा से निपटने के लिए अन्य विभाग के संबंधित पदाधिकारियों को भी आवश्यक निर्देश दिए गए। उक्त बैठक में उप विकास आयुक्त अभ्येंद्र मोहन सिंह, अपर समाहर्ता आपदा उपेंद्र पंडित, जिला परिवहन पदाधिकारी शैलेश कुमार, जिला पंचायती राज पदाधिकारी इफ्तेखार अहमद आपदा प्रभारी सुश्री अंतरा कुमारी, कार्यपालक अभियंता पीएचडी एवं विद्युत, सिविल सर्जन श्री विनोद कुमार सभी प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचल अधिकारी एवं जिला स्तरीय अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।