तजा खबर

एसपी के आदेश को भी नहीं मानते हैं अम्बा के थानाध्यक्ष , डीजीपी के आदेश को ताख पर रखने वाला पहला थाना भी अम्बा होगा


अम्बा ( औरंगाबाद )खबर सुप्रभात समाचार सेवा


औरंगाबाद जिले में अम्बा थाना मनमानी एवं दलालों के चंगुल से मुक्त कराना सरकार को एक बड़ी चुनौती है। जी हां यह खबर पढ़ने में थोड़ा अटपटा लग सकता है लेकिन हकीकत यही है। यदि आपके पास पैसा है और दलालों से संबंध है तो फिर किसी के विरुद्ध कभी भी झुठे मुकदमा अम्बा थाना में दर्ज करा सकते हैं और टेबल वर्क अनुसंधान

अम्बा थाना में धूल चाटता एसपी का आदेश
डीजीपी का हाल में  निग्रत आदेश

भी हो जायेगा। यह मामला एक नहीं बल्कि कई झुठे मुकदमा दर्ज करने का गवाह बन चुका है अम्बा थाना। अम्बा थाना के थानाध्यक्ष का मनमानी का आलम यह भी है कि पुलिस अधीक्षक के आदेश को भी ठेंगा दिखाने में कोई परहेज नहीं है। ऐसा ही मामला आरटीआई से जुड़ा हुआ है। जब आरटीआई कानून के तहत अम्बा थानाध्यक्ष द्वारा जानकारी समय सीमा को दरकिनार कर आधी अधुरा जानकारी दी गई तो पुलिस अधीक्षक से पुरी जानकारी दिलाने का मांग किया गया था। पुलिस अधीक्षक द्वारा थानाध्यक्ष को ज्ञापांक 165/ लो० सू० दिनांक 22/2/2025 को आदेश दिया गया कि पुरी जानकारी आवेदनकर्ता को उपलब्ध कराई जाए। विलम्ब के लिए जिम्मेवारी आपकी (थानाध्यक्ष ) को होगा। लेकिन अभी तक किसी प्रकार के जानकारी थानाध्यक्ष द्वारा नहीं उपलब्ध कराया गया। इससे साफ़ जाहिर होता है कि अम्बा थाना में फर्जी मुकदमा और अनुसंधान तो होता ही है आरटीआई कानून का भी धज्जी उड़ाया जा रहा है। सबसे आश्चर्यजनक पहलू तो यह है कि पुलिस अधीक्षक के आदेश को भी थानाध्यक्ष ठेंगा दिखा रहे हैं। आखिर थानाध्यक्ष किसके संरक्षण में मनमानी एवं लापरवाही कर रहे हैं यह भी जांचोपरांत सच्चाई प्रकाश में आएगा। यदि थानाध्यक्ष के मनमानी एवं लापरवाही पर अविलम्ब अंकुश नहीं लगाया जायेगा और इनके विरुद्ध एसपी कोई ठोस निर्णय नहीं लेते हैं तो पुलिस महानिदेशक के आदेश की थाना में बार बार आने वाले व्यक्ति के विरुद्ध कार्रवाई करने तथा जरुरत समझने पर नपेंगे थानाध्यक्ष भी इस आदेश का धज्जी उडाने वाला भी प्रदेश में पहला थाना अम्बा होगा।