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थमने का नाम नहीं ले रहा बेढ़ना पंचायत में घोटाले का मामला, ग्रामीण धनंजय सिंह ने विडियो से मांगा आरटीआई के तहत जानकारी, घोटाले का आरोप बेबुनियादी : अपु सिंह, घोटाला के विरुद्ध होगा जन आंदोलन : राकेश


औरंगाबाद, खबर सुप्रभात समाचार सेवा


औरंगाबाद जिले के देव प्रखंड अंतर्गत बेढ़ना पंचायत के मुखिया निशा सिंह व पंचायत सचिव बीनोद बेक द्वारा 15 वीं वीत आयोग के 10 लाख रुपए का घोटाला करने का आरोप बारा खुर्द के ग्रामीणों ने लगाया है। इस संबंध में ग्रामीणों द्वारा जिला पंचायत राज पदाधिकारी व प्रखंड विकास

पदाधिकारी देव को आवेदन देकर जांचोपरांत कारवाई करने का भी गुहार लगाया गया है। ग्रामीणों द्वारा दिये गए आवेदन पर वार्ड सदस्य नागमती देवी ने भी अनुसंसा की है। इधर मुखिया निशा सिंह के पति व जदयू नेता अपु सिंह ने बताया कि आरोप बेबुनियाद और मनगढ़ंत है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण धनंजय सिंह और कुछ उनके बहकावे में आकर रंगदारी टैक्स मांग रहे हैं इतना ही नहीं नक्सलियों का धौंस दिखाकर भयभीत कर रहे हैं। रंगदारी टैक्स नहीं देने पर बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। मुखिया पति व जदयू नेता के आरोप का ग्रामीण सीरे से खारीज करते हुए कहे कि बारा खुर्द के ग्रामीणों द्वारा श्रम दान और चंदा इकट्ठा कर सूर्यकुण्ड तालाब का निर्माण कराया है लेकिन मुखिया और पंचायत सचिव द्वारा सांठ-गांठ बनाकर 15 वीं वीत आयोग का 10 लाख रुपए निकाल कर घोटाला कर लिया गया है। ग्रामीण धनंजय सिंह ने उक्त घोटाला संबंधित अधिकारियों के संरक्षण में करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारियों को जब 22 फरवरी 2024को आवेदन देकर जांच और कारवाई करने का गुहार लगाया गया लेकिन अभी तक अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों के आवेदन को ठंढे बस्ते में आखिर क्यों डाला गया है और किस चिज का इंतजार अधिकारी कर रहे हैं? मामले में मुखिया पति व जदयू नेता अपु सिंह ने ग्रामीणों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का बात दुहराते हुए कहे कि नक्सलियों का भय दिखाकर पैसा वसुली करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। मामले को गंभीरता से लेते हुए हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ( से ०) के वरीय नेता राकेश सिंह ने भी ग्रामीणों को बचाव पक्ष में उतर चुके हैं और घोटाले के विरुद्ध ग्रामीणों द्वारा दिए गए आवेदन को अधिकारियों द्वारा अभी तक जांचोपरांत कारवाई नहीं करने के विरुद्ध आंदोलनात्मक कारवाई का चेतावनी मिडिया के माध्यम से दिया है। उन्होंने कहा कि जिस जनता ने अपना बहुमूल्य वोट देकर अपना प्रतिनिधि चुना है उसी जनता को नक्सलियों का रौब देखाने का आरोप मुखिया पति द्वारा लगाने का मतलब है कि वे ग्रामीणों के आवाज बंद करने तथा लोकतांत्रिक अधिकारों का दमन करने का प्रयास किया जा रहा है जिसे ग्रामीण बर्दाश्त नहीं करेंगे।एक अन्य जानकारी के अनुसार ग्रामीण धनंजय सिंह ने प्रखंड विकास पदाधिकारी से सूचना अधिकार कानून के तहत सूचना मांगे हैं कि 22 फरवरी को ग्रामीणों द्वारा दिए गए आवेदन के आलोक में अभी तक की गई जांच और कारवाई से अवगत कराया जाए। सूचना अधिकार कानून के तहत धनंजय सिंह ने प्रखंड विकास पदाधिकारी से यह भी मांग किये हैं कि अभी तक तीन वर्षों में प्रखंड के कितने पंचायतों के मुखिया द्वारा अनियमितता करने के विरुद्ध शिकायत ग्रामीणों द्वारा किया गया है और कितने आवेदन का जांच किया गया है तथा जांच में कितने मुखिया को दोषी पाया गया और क्या कारवाई की गई है।