तजा खबर

223 औरंगाबाद विधानसभा क्षेत्र में चुनावी सरगर्मी परवान पर


औरंगाबाद खबर सुप्रभात समाचार सेवा


बिहार विधानसभा चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहा है वैसे वैसे चुनावी सरगर्मी तेज होते दिखाई पड़ने लगा है। औरंगाबाद जिले में भी इन दिनों चुनावी सरगर्मी प्रायः सभी छ: विधानसभा क्षेत्रों में दिखने को मिल रहा है लेकिन 223 औरंगाबाद विधानसभा का नजारा कुछ और ही है। हर चौक

आनंद शंकर सिंह, विधायक -223 औरंगाबाद

चौराहों, चाय पान के दुकानों से लेकर राजनैतिक गलियारे में भी जहां चुनावी सुगबुगाहट और चर्चा का बाजार गरमाने लगा है वहीं एक – एक पार्टी में कई लोग अपना-अपना उम्मीदवारी का दावा ठोक रहे हैं। जन सुराज पार्टी से पूर्व विधायक व स्व० बृजमोहन सिंह के छोटे सुपुत्र रमेश सिंह जहां जनसुराज पार्टी से चुनावी अखाड़े में ताल ठोकने और अपने राजनैतिक विरासत को वापस लौटाने के लिए ऐंडी चोटी एक कर रहे हैं और इसके लिए हर रोज गांव-गांव में जनसंपर्क स्थापित कर रहे हैं वहीं गुरुआ के पूर्व विधायक सह बिहार निगरानी के पूर्व चेयरमैन रामाधार सिंह के छोटे सुपुत्र व रफीगंज के पूर्व विधायक सह औरंगाबाद जिला जदयू के अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह के छोटे भाई प्रोफेसर डॉ ० अनील कुमार सिंह भी पीछले दिनों जनसुराज पार्टी का दामन थाम लिये हैं। ऐसा माना जा रहा है कि प्रोफेसर डॉ ० अनील कुमार सिंह भी जनसुराज पार्टी से 223 औरंगाबाद विधानसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवारी का दावा ठोकेंगे। हालांकि इसकी घोषणा प्रोफेसर डॉ ० अनील कुमार तो अभी तक नहीं कर सके हैं लेकिन उनके नजदीकी सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार प्रोफेसर डॉ ० अनील कुमार को पार्टी सुप्रीमो प्रशांत किशोर का आशीर्वाद प्राप्त है और अभी वे दिल्ली में हैं। होली बाद वे औरंगाबाद आएंगे और अपना उम्मीदवारी का दावा ठोकेंगे। इसी तरह भाजपा में भी उम्मीदवारी का दावा ठोकने वाले नेताओं का लाइन लगा हुआ है। जानकारी के अनुसार पूर्व विधायक व बिहार सरकार में भाजपा कोर्टे से कैबिनेट मंत्री रहे रामाधार सिंह के अलावे उनके बेटी तथा रेडक्रास के अध्यक्ष सतीश गुप्ता के अलावे कुछ और भी नेता हैं जो अर्थ तंत्र पर भरोसा है और इसी वजह से यदा कदा कुछ सोशल मीडिया में बने रहते हैं वैसे लोग भी भाजपा से उम्मीदवारी का दावा ठोकने का मन बना रहे हैं। राजनैतिक गलियारे में चर्चा यह भी है कि भाजपा के पूर्व सांसद सुशील कुमार सिंह या फीर उनके सुपुत्र भी भाजपा से उम्मीदवार हो सकते हैं।वैसे वर्तमान में कांग्रेस के आंनद शंकर सिंह लगातार दुसरी बार चुनाव जीत कर विधायक बनते रहे हैं लेकिन इस बार आनंद शंकर सिंह के लिए रास्ता कितना आसान होगा या फिर कांटे भरे डगर साबित होगा यह कहना मुश्किल होगा। कुछ लोगों को मानना है कि इस बार आनंद शंकर सिंह से उनके दल के ही कुछ लोग नाराज़ चल रहे हैं तो कुछ लोगों को मानना है कि वे इस बार सत्ता के विरुद्ध असंतोष का सामना करेंगे। जबकि आनंद शंकर सिंह के कुछ फॉलोवर्स को मानें तो इस बार आनंद शंकर सिंह का रास्ता पहले के अपेक्षा और आसान होगा।