अम्बुज कुमार खबर सुप्रभात समाचार सेवा
गत सोमवार को अम्बा प्रखंड मुख्यालय के बहुउद्देश्यीय भवन में भारतमाला परियोजना के तहत बनने वाली ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे में आ रही समस्यावों को लेकर उप जिला समाहर्ता ललित भूषण रंजन, भूअर्जन पदाधिकारी सच्चिदानंद सुमन व एनएचएआइ के अधिकारियों नें कैम्प
लगाकर किसानों की समस्याएं सुनी। इस कैम्प में अंचलाधिकारी चंद्रप्रकाश समेत एक्सप्रेस वे से प्रभावित सैकड़ों किसान वहां उपस्थित थे।
इस कैम्प में किसानों ने मुख्य रूप से मिलने वाले बहुत ही कम मुआवजा के मुद्दा को उठाया वहीं कई किसानों ने रोड से संबंधित कागजात तैयार करने में भारी परेशानी और भ्रष्टाचार के मुद्दे को उठाया।
इस कैम्प में उपस्थित किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष बीरेंद्र पांडेय ने अधिकारियों से कहा कि हम एक लोकतांत्रिक देश के नागरिक हैं और सरकार हमारे साथ ऐसा ब्यवहार कर रही है जैसे हम अंग्रेजी राज में जी रहे हैं। जमीन का वर्तमान बाजार भाव और सरकार द्वारा निर्धारित किया गया भाव में जमीन आसमान का अंतर है ,ऐसा अन्याय हम सहन नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा 2013 में हुए भूमि अधिग्रहण कानून में सुधार हो जाने के बावजूद उसके आधार पर भूमि का अधिग्रहण नहीं हो रहा है जो हम सब के साथ सरासर अन्याय है कैम्प में उपस्थित प्रभावित किसान राज कुमार सिंह ने पिछले दिनों सभी बड़े अखबारों में छपे खबर का हवाला देते हुए अधिकारियों से सवाल पूछा कि जब नीतीश सरकार जिस वर्ष के सर्किल रेट से दर निर्धारित किया गया है उस वर्ष से महंगाई दर दस प्रतिशत के हिसाब से हर वर्ष बढ़ोतरी कर भूमि अधिग्रहण के गजट प्रकाशित वर्ष में दर को निर्धारित करेगी। इस हिसाब से भी हमारा मुआवजा दो गुणा लगभग हो जाता है पर जिले के अधिकारी इस बात का अमल क्यों नहीं कर रहे हैं। श्री सिंह ने पूछा कि बेहद कम मुआवजा को लेकर कुछ किसानों ने कमिश्नर के यहां वाद दायर किया है, अगर उनका फैसला उनके पक्ष में आता है तब क्या इसका लाभ सभी किसानों को मिलेगा या केवल वाद दायर करने वालों को ?
श्री सिंह के सवालों पर अधिकारियों ने अपने से ऊंचे अधिकारियों से बात करने को कह कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया।
कैम्प में कई गांवों से आये कई किसानों ने कागजात तैयार करने में आ रही समस्यावों को उठाया और इसके लिये भ्रष्ट अधिकारी व कर्मचारियों को दोषी बताया।
इस कैम्प में चिरैयाँटांड़ गांव से आये किसान ओमकार सिंह नें हल्का कर्मचारियों द्वारा किये जा रहे घूसखोरी की बात कर सनसनी फैला दी। उन्होंने अधिकारियों को बताया कि कैसे यहां बड़े अधिकारियों के नाम पर कर्मचारी रिश्वत उगाही करते हैं। उन्होंने कर्मचारियों द्वारा पाले गए दलालों का जिक्र भी भरी सभा में किया पर इसपर अधिकारियों द्वारा कोई आश्वासन नहीं दिया गया।
इस मौके पर किसान कपिलदेव सिंह, उमाकांत सिंह, अनिल सिंह, वशिष्ट प्रसाद सिंह, दया सिंह, धर्मेंद्र सिंह, नंदकिशोर सिंह, जगरनाथ सिंह, राजेन्द्र सिन, सुमंत सिंह, जगत सिंह, राकेश सिंह, संजात सिंह, विक्की सिंह वगैरह सैकड़ों किसान वहां मौजूद थे।