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कैदी की मौत जेल के भीतर या बाहर , जेल प्रशासन संदेह के घेरे में

सुनील कुमार सिंह खबर सुप्रभात समाचार सेवा


औरंगाबाद मंडल कारा के सजायाफ्ता बंदी रंजीत सिंह ( 4 5 yrs )की मौत नें जेल प्रशासन की पुरी बिधी – व्यवस्था पर ही सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। बतातें चलें कि औरंगाबाद जिला के ही जम्होर थाना के जगदीशपुर निवासी रंजीत सिंह मंडल कारा औरंगाबाद में ही 2018 से आजीवन

कारावास की सजा में बंदी थें। गुरुवार को रंजीत सिंह की तवियत ज्यादा खराब हो गयी, जिससे इनकी मौत हो गयी । रंजीत सिंह की मौत में जेल प्रशासन एवं परिजनों का दो परस्पर विरोधी व्यान सुनने को आ रहा है। एक तरफ तो जेल प्रशासन का कहना है कि मृतक कैदी की तवियत अचानक बिगड़ गयी, जिस की सूचना परिजनों को दूरभाष पर देनें के तुरंत बाद ही ईलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया । जहाँ ईलाज के क्रम में ही रंजीत सिंह की मौत हुई है। तो दुसरी तरफ परिजनों का आरोप है कि ईलाज के अभाव में रंजीत सिंह की मौत मंड़ल कारा औरंगाबाद के अंदर ही हो चुकी थी। जेल प्रशासन सिर्फ खानापूर्ति के लिए सदर अस्पताल में लायी थी एवं परिवार को मौत होने के बाद ही आनन – फानन में मोवाईल पर बिमार होने का बहाना गढ़ कर शीघ्र आनें की सूचना दी। क्या कहते हैं जेलर – – – बंदी रंजीत सिंह की मौत के बारे में जब खबर सुप्रभात के प्रतिनिधी के द्वारा मंड़ल कारा औरंगाबाद के जेलर से चल दूरभाष पर संपर्क कर पक्ष लिया तो जेलर के द्वारा कहा गया कि बंदी रंजीत सिंह की तवियत जैसे ही खराब हुई । तुरंत ही परिजनों को सूचित किया गया एवं ईलाज के लिए सदर अस्पताल औरंगाबाद में लाया गया । जहाँ ईलाज के क्रम में ही बंदी रंजीत सिंह की मौत हुई है।
क्या कहते हैं पूर्व सांसद सुशील सिंह – – – – बंदी रंजीत सिंह की मौत पर पूर्व सांसद सुशील सिंह नें खबर सुप्रभात के प्रतिनिधी को कैमरे के सामनें कहा कि – बंदी रंजीत सिंह की मौत जेल के अंदर ही ईलाज के अभाव में हुई है। मंड़ल कारा औरंगाबाद में बंदियों को जेल मैनुअल के अनुसार आवश्यक सुविधायें एवं ईलाज मयस्सर नहीं हो पाती है। ईलाज के अभाव में बंदी रंजीत सिंह मड़ल कारा में ही तड़प – तड़प कर मर गया । यह स्वाभाविक मौत नहीं, बल्कि जेल प्रशासन द्वारा किया गया एक सुनियोंजित हत्या है। जबतक दोषियों पर प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाती है, तबतक पोस्टमार्टम की कारवाई नहीं करनें दिया जायेगा । वहीं पूर्व सांसद के द्वारा फोन कर जिला पदाधिकारी औरंगाबाद एवं पुलिस अधिक्षक औरंगाबाद से बेरी रंजीत सिंह की मौत की गुत्थी सुलझाने हेतु उँच्च स्तरीय जाँच कराने की मांग की है। क्या कहते है बिहार सरकार के पूर्व निगरानी अध्यक्ष सह पूर्व गुरुआ विद्यायक सह बंदी रिहाई समिति के अध्यक्ष रामाधार सिंह – .- – – बंदी रंजीत सिंह की मौत पर खबर सुप्रभात से फोन कर पूर्व निगरानी समिति के अध्यक्ष सह बंदी रिहाई समिति के अध्यक्ष रामाधार सिंह नें कहा कि पुरे बिहार के तमाम जेलों में बंदियों के साथ जेल प्रशासन के द्वारा जेल मैनुअल के अनुसार सुविधा ऐं एवं समुचित ईलाज उपलब्ध नहीं कराये जाते हैं। नतीजन बंदी आह – आह करके भर पेट भोजन के बिना भुखा रहता तो वहीं बिमारी की अवस्था में ईलाज के बिना बाप – बाप करके मर जाता है। कोई इसे देखने वाला नहीं है। सब चोर – चोर मौसेरे भाई बनें बैठे हैं । बंदियों की सुविधा के नाम पर लुट जारी है। इसकी ऊँच्च स्तरीय जाँच होनी चाहिये  जाँच से ही होगा मौत के कारणों एवं समय का खुलाशा – – – बंदी रंजीत सिंह की मौत जेल के अंदर ईलाज के अभाव में हुई है कि तवियत खराब होनें पर ईलाज के क्रम में सदर अस्पताल में हुई है । यह एक अनसुलझी पहेली बन चुकी है। इसकी सत्यता उजागर बिना उॅच्च स्तरीय जाँच हुए नहीं हो सकता है। अन्यथा एक दुसरे पर आरोप -प्रत्यारोप का दौर चलते ही रहेगा ।