अम्बुज कुमार खबर सुप्रभात समाचार सेवा
22 अक्टूबर 2024 को जिला पदाधिकारी, श्रीकांत शास्त्री द्वारा एवं पुलिस अधीक्षक अम्ब्रिश राहुल द्वारा संयुक्त अध्यक्षता में देव कार्तिक छ्ठ मेला 2024 के तैयारी एवं विधि व्यवस्था के मद्देनजर समाहरणालय सभाकक्ष में सभी जिला स्तरीय एवं देव प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी के साथ
समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में बताया गया कि इस बार छठ पूजा दिनांक 05 से 08 नवंबर तक मनाया जाएगा। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि छठ मेला का उदघाटन के लिए प्रभारी मंत्री जिला औरंगाबाद एवं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में प्रभारी मंत्री राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग बिहार पटना से अनुरोध किया जाएगा बैठक में जिला पदाधिकारी के द्वारा बताया गया कि छठ पर्व के अवसर पर देव में आने वाले व्रतियों एवं श्रद्धालुओं के लिए अवासान की समुचित व्यवस्था किया जाना आवश्यक है। साथ ही यह भी बताया गया कि इस बार बरसात अधिक हो जाने के कारण कुछ आवाज संस्थान स्थलों में पानी का जमाव है। नीला परिसर में कुल 9 चिन्हित अवसान स्थलों पर अवासान का दायित्व उप विकास आयुक्त, अनुमंडल पदाधिकारी तथा संबंधित अन्य पदाधिकारी को सौंपा गया।
आवासन स्थल राजा जगन्नाथ उच्च विद्यालय के मैदान,राजा जगन्नाथ उच्च विद्यालय के मैदान के पश्चिम, मालेनगर के पास, हरिकीर्तन बीघा के पास पैक्स गोदाम के उत्तरी भाग में, थाना के पास मेला क्षेत्र में, सिंचाई कॉलोनी का मैदान, चांदपुर मध्य का मैदान, संत विजय दास धर्मशाला बहुआरा मोड़ के पास एवं नरची गेट के पीछे दिवाकर नगर के पास।
उक्त सभी अवासन स्थलों में छठ व्रतियों एवं श्रद्धालुओं के अवासन हेतु टेंट, पंडाल, लाइटिंग, जनरेटर दरी आदि सामग्री की व्यवस्था हेतु विभिन्न एजेंसियां यथा बीआरबीसीएल नबीनगर,एनएसपीटीएस नबीनगर, श्री सीमेंट औरंगाबाद, पंजाब नेशनल बैंक औरंगाबाद, भारतीय स्टेट औरंगाबाद, इंडियन बैंक औरंगाबाद, आइसीआइसीआइ बैंक औरंगाबाद, यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया औरंगाबाद तथा अंचल अधिकारी औरंगाबाद का चयन किया गया है। मेला परिसर के चिन्हित स्थलों पर बैरिकेडिंग एवं ड्राप गेट स्थलों को चिन्हित कर ड्रॉप गेट बनाया जाएगा। जिला पदाधिकारी द्वारा कार्यपालक अभियंता भवन प्रमंडल एवं स्थानीय प्रशासन प्रखंड देव को निर्देश दिया गया है कि चिन्हित स्थलों पर कुल 54 बैरिकेडिंग एवं कुल 60 ड्रॉप गेट स्थल का निर्माण कराएंगे। साथ ही साथ दोनों कुंडों पर मजबूत बैरिकेडिंग लगाने का भी निर्देश दिया गया। छठ व्रतियों,यात्रियों एवं पर्यटकों के लिए पर्याप्त चिकित्सा प्रबंधन हेतु समिति का गठन किया गया है। सिविल सर्जन औरंगाबाद द्वारा बताया गया कि मेला परिसर में अस्थाई मेडिकल कैंप हेतु स्थान चिन्हित कर लिया गया है। किसी भी आकस्मिकता से निपटने के लिए 7 एंबुलेंस, स्ट्रेचर, पर्याप्त जीवन रक्षक दवा एवं महिला/ पुरुष विशेषज्ञ चिकित्सकों का टीम की व्यवस्था कर ली गई है। अग्निशामक पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि मेला अवधि के दौरान सूर्यकुंड के पास 02, थाना के पास 02 एवं ब्लाक के पास 01 एवं अवासान स्थलों पर 02 अग्निशमन वाहन 24 घंटा उपलब्ध करना सुनिश्चित करेंगे। छठ मेला अवधि में सभी दिशाओं से आने वाले वाहनों की पार्किंग के लिए यातायात प्रबंधन समिति का गठन किया गया है। जिसका दायित्व अनुमंडल पाधिकारी, जिला परिवहन पदाधिकारी तथा अन्य संबंधित पदाधिकारी को सौंपा गया है। अंचल अधिकारी देव द्वारा बताया गया कि मेला क्षेत्र के विभिन्न स्थलों पर आए हुए वाहनों की पार्किंग के लिए के केताकी मदनपुर में लगभग 15000 वाहनों एवं सिंचाई कॉलोनी में 1000 वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था के लिए स्थल का चयन कर लिया गया है।
जिला पदाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि मेला परिसर में काफी संख्या में वहां आने की संभावना होती है ऐसी स्थिति में वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था प्राप्त होनी चाहिए।
जिला पदाधिकारी द्वारा संबंधित पदाधिकारी निर्देश दिया गया कि कि सूर्य मंदिर के गर्भ गृह, परिसर एवं अर्ध्य स्थलों तथा मेला क्षेत्र के प्रमुख स्थलों पर सीसीटीवी कैमरा लगाना सुनिश्चित किया जाए। कार्यपालक अभियंता लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण को निर्देश दिया गया कि मेला अवधि के दौरान पेयजल की व्यवस्था हेतु बंद पड़े चपकालों की मरम्मती करवाना सुनिश्चित करेंगे एवं मेले के दौरान 24 घंटे पेयजल की आपूर्ति अथवा आवश्यकता अनुसार टैंकर का भी व्यवस्था करेंगे। मेला के दौरान विधि व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी के लिए विधि व्यवस्था प्रबंधन समिति का गठन किया गया है जिसमें अपर समाहर्ता औरंगाबाद ,अनुमंडल पदाधिकारी औरंगाबाद एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी औरंगाबाद को सौंपा गया। जिला पदाधिकारी के द्वारा निर्देश दिया गया मेला क्षेत्र में व्रतियों एवं श्रद्धालुओं की सुरक्षा की दृष्टिकोण से पर्याप्त संख्या में महिला पुलिस की प्रतिनियुक्ति करने का निर्देश दिया। साथ ही तालाब परिसर के आसपास मांस, मछली की दुकान एवं अवैध गुमटी न लगाई जाए। स्थाई -अस्थाई अतिक्रमण को चिन्हित करते हुए उसे अभिलंब हटावाना सुनिश्चित किया जाए।
आकस्मिकता से निपटने हेतु एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीम को प्रतिनियुक्त करने हेतु आपदा प्रबंधन विभाग से मेला प्रारंभ होने से पूर्व ही अनुरोध करने निर्देश दिए। इसके अलावा दोनों सूर्यकुंड तालाब के पास पर्याप्त मात्रा में लाइफ जैकेट, गोताखोर जाल आदि की व्यवस्था भी अनिवार्य रूप से करना सुनिश्चित करेंगे। बैठक में यह भी निर्णय लिया पूर्व की भांति इस बार भी नियंत्रण कक्ष व्यवस्था की जाएगी जिसमें एक दंडाधिकारी एवं एक पुलिस पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की जाएगी। नियंत्रण कक्ष में आवश्यकता अनुसार वॉलिंटियर्स एवं एनसीसी के वॉलिंटियर्स की प्रतिनियुक्त करने निर्देश दिया गया। इस अवसर पर अपर समाहर्ता श्री ललित भूषण रंजन, उप विकास आयुक्त अभयेंद्र मोहन सिंह, सदर एसडीओ संतन कुमार सिंह, भूमि सुधार उपसमाहर्ता श्वेतांक लाल, जिला भू अर्जन पदाधिकारी सच्चिदानंद पंचायती राज पदाधिकारी इफ्तिखार अहमद, वरीय उपसमाहर्ता श्री आलोक कुमार,मेराज जमील एवं श्वेता प्रियदर्शी, सभी विभाग के कार्यपालक अभियंता, प्रखंड विकास पदाधिकारी देव, अंचलाधिकारी देव, मंदिर न्याय समिति के सदस्य एवं जिला स्तरीय सभी पदाधिकारी उपस्थित रहे।