गया संवाद सूत्र खबर सुप्रभात समाचार सेवा
बिहार विधानसभा उप चुनाव का पारा आसमान छू रहा है। मौसम का तापमान ढलने लगा है लेकिन उप चुनाव को लेकर प्रदेश में राजनैतिक तापमान चरम पर पहुंच चुका है। इस बीच बेलागंज विधानसभा के उप चुनाव इन दिनों सर्वाधिक चर्चा में है। चर्चा का मूल कारण है कि क्या 1990 से लगातार चुनाव में सुरेन्द्र यादव जीत का हैट्रिक लगाते रहे हैं और और
आज तक बेलागंज जो कि मुस्लिम व यादव बहुल्य क्षेत्र है राजद के अभेद किला के रूप में जाना जाता रहा है। लेकिन इस बार राजद के लिए मुश्किल भरा डगर माना जा रहा है। बताते चलें कि बेलागंज से राजद के उम्मीदवार सुरेन्द्र यादव के पुत्र विश्वनाथ यादव अपने पिता के विरासत को बचाने के लिए चुनावी मैदान में हैं तो वहीं जदयू से स्व०बींदी यादव धर्मपत्नी मनोरमा देवी पूर्व विधान पार्षद विश्वनाथ आनंद को कड़ी टक्कर देने के लिए चुनावी मैदान में हैं। नव स्थापित जनसुराज पार्टी से मिर्जा गालिब कालेज के पूर्व अध्यापक प्रोफेसर ख़िलाफत हूसैन भी बदलाव के नारे लगाते हुए चुनावी मैदान में अपना राजनैतिक सफर तय करने के ताल ठोक रहे हैं। हालाकि मुस्लिम वोटों को बिखरने से रोकने के लिए मिर्जा गालिब कालेज के ही पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर गुलाम सदानी को राजद में शामिल कराकर मुस्लिम वोटों को बिखरने से रोकने के लिए दाव लगाया गया है। लेकिन प्रोफेसर गुलाम सदानी मुस्लिम मतदाताओं को राजद के पक्ष में गोलेबंद रखने में कहां तक कारगर हथियार के रूप में साबित होंगे या नहीं यह तो आने वाला वक्त बताएगा। लेकिन स्थानीय मतदाताओं को मानें तो इस बार बेलागंज में राजद के लिए प्रोफेसर ख़िलाफत हूसैन और मनोरमा देवी कांटे का ताज बन रहे हैं। अब चुनाव परिणाम आने के बाद ही यह साबित होगा कि इस बार बेलागंज राजद के अभेद किला बचेगा या फिर ढहेगा।