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बिजली के आंख-मिचौली से जनजीवन अस्त-व्यस्त, शाम ढलते ही अंधेरे में डुब जाता है जिला के दक्षिणी इलाका, सरकार के आदेश को ठेंगा दिखा रहे हैं अधिकारी व विद्युतकर्मी, अति उग्रवाद व संवेदनशील इलाकों में हाल – बेहाल

औरंगाबाद खबर सुप्रभात समाचार सेवा

औरंगाबाद जिले के दक्षिणी इलाके में बिजली के आंख-मिचौली से लोगों का जाना मुश्किल साबित हो रहा है। जिलाधिकारी द्वारा समीक्षा बैठक के बावजूद भी बिजली के अघोषित कटौती और विभागीय अधिकारियों से लेकर कर्मियों का मनमानी चरम पर है। बिजली विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के मनमानी एवं लापरवाही का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बिजली आपूर्ति करने का कोई रुटीन नहीं है। कब आपुर्ती होगा और कब बाधित होगा यह कहना मुश्किल है। यदि कभी कभार बिजली आपूर्ति किया भी जाता है तो वो वोल्टेज और ट्रिप करना भी एक बड़ी समस्या है। बताते चलें कि जिले के देव , मदनपुर, ढीबरा, अम्बा, कुटुम्बा, टंडवा, नबीनगर, माली थाना क्षेत्र जंगल व पहाड़ी इलाका है तथा घने जंगलों से भरपुर है। इसके अलावे उग्रवाद प्रभावित अतिसंवेदनशील इलाका है। लेकिन शाम ढलते ही बिजली आपूर्ति बाधित होने से पुरे इलाका अंधेरे में डुब जाया करता है तथा विभागीय अधिकारियों का मनमानी और लापरवाही शर चढ़ कर बोलने लगता है। बताते चलें कि सरकार का स्पष्ट दिशा निर्देश है कि बिजली किसी भी हालत में शाम होने के बाद गुल नहीं होना चाहिए लेकिन औरंगाबाद जिले में सरकार के आदेश का अनुपालन नहीं बल्कि आदेश को निर्भीकता पूर्वक ठेंगा दिखाया जा रहा है। फलस्वरूप लोगों का हाल बेहाल हो रहा है।