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हमारी साझी विरासत और प्रेमचंद विषय पर सेमिनार का आयोजन

अम्बुज कुमार खबर सुप्रभात समाचार सेवा

जनवादी लेखक संघ जिला शाखा औरंगाबाद के तत्वावधान में हसपुरा स्थित ऐक्सिस इंस्टीट्यूट के सभागार में कथा सम्राट मुंशी प्रेमचन्द की जयन्ती पर ‘हमारी साझी विरासत और प्रेमचन्द ‘ विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया।जिसकी अध्यक्षता जनवादी लेखक संघ औरंगाबाद के जिला

अध्यक्ष,शायर इकबाल अख्तर दिल ने की, जबकि कार्यक्रम का संचालन साहित्यकार व पत्रकार शंभू शरण सत्यार्थी ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुंशी प्रेमचन्द के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया।आगत अतिथियों का स्वागत शिक्षाविद् विजय सिंह सैनी ने किया। कार्यक्रम का विषय प्रवेश करते हुए जनवादी लेखक संघ के जिला सचिव व वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. अलखदेव प्रसाद ‘अचल’ने कहा कि हमारी साझी विरासत हमारी परम्परा की देन है ।इसी विरासत की वजह से हमारे देश की एकता अखंडता बनी हुई है। कथा सम्राट मुंशी प्रेमचन्द अपनी कहानियों और उपन्यासों के माध्यम से हमेशा साझी विरासत की ओर इंगित करता है।आज जो लोग साम्प्रदायिक नफ़रत पैदा कर राज सत्ता बरकरार रखना चाहते हैं, उससे सावधान रहने की जरूरत है। क्योंकि इससे समाज और देश दोनों टूट सकते हैं। कवि एवं समीक्षक गजेन्द्र शर्मा ने कहा कि हमारी साझी विरासत गंगा यमुना की तरह रही है।हमारी साझी विरासत स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान देखी गयी थी। सत्ता के भूखे हमेशा साझी विरासत को विखंडित करना चाहते हैं। कथा सम्राट मुंशी प्रेमचन्द अपनी रचनाओं के माध्यम से यही संदेश देना चाहते थे। प्रेमचन्द ने अगर हिन्दी में लिखा था, तो उर्दू में भी लिखा था। अवकाश प्राप्त प्रधानाध्यापक नागेश्वर प्रसाद सिंह, डा.राजेश कुमार विचारक,शिक्षक रविनंदन, शिक्षक अंबुज कुमार, शिक्षक गोपेन्द्र कुमार सिन्हा गौतम,समुन्दर सिंह ने प्रेमचन्द की रचनाओं में साझी विरासत पर प्रकाश डाला।इस अवसर पर महेंद्र प्रसाद सिंह, सन्ना उल्लाह रिजवी,जितेन्द्र कुमार अंचला, गया प्रसाद, कवि पवन कुमार, निलेश कुमार,कुंडल मेहता, सहित कई लोग उपस्थित थे। धन्यवाद ज्ञापन बीरेंद्र प्रसाद ने किया।