मदनपुर से सुनील सिंह की रिपोर्ट
आज के भाग दौड़ की दुनिया में कब किसका साथ छुट जायेगा यह कहना मुश्किल है। ऐसी ही एक घटना मदनपुर में घटित हुई जो लोग – बाग में चर्चा का सबब बना हुआ है। मदनपुर निवासी जीवन बीमा निगम के अभिकर्त्ता सह टी .वी. कारीगर मो . गयासुदीन गुल उर्फ बाबू भाई की मौत
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शनिवार की रात्री साईलेंट हार्ट अटैक से हो गयी है। उनकी मौत की खबर जैसे ही पुरे मदनपुर क्षेत्र में फैली की बाबू भाई के चाहनें बालों की भीड़ अंतिम दर्शन के लिए उनके आवास पर जमा होनें लगी। सवों के मुँह से अचानक ही ये बातें सुनने को मिली की बाबू भाई गंगा – जमनी तहजीव की एक मिशाल थें। हिन्दू – मुस्लिम दोनों ही कौम के चहेते थें। हर किसी की सुख – दु:ख में शामिल रहते थें। रविवार को दोपहर दो बजे के करीव जनाने की नमाज के बाद रिवरियावाँ मोड़ के समीप कव्रिस्तान में सुपूर्दे खाक किया गया। इनकी मिट्टी – मंजील में सैंकड़ो की संख्या में हिन्दू – मुस्लिम शामिल हुए। बाबू भाई नें अपने पिछे तीन पुत्र एवं दो पुत्रियों का भरा -पुरा परिवार छोड़ गये हैं। मिटती नहीं है हस्ती – – – – – – जनाजे की नमाज पढ़ाते समय इकरा पब्लिक स्कुल के निदेशक कारी हाफिज मो…….. नें कहा कि कुछ ऐसी सख्सीयतें भी होती हैं जिनकी मौत के बाद भी उनकी हस्ती नहीं मिटती । इसका मिशाल गयासुदीन गुल उर्फ बाबू भाई हैं। ये अत्यंत विनम्र, शालीन, मृदुभाषी एवं हिन्दू – मुसलमाँ के दिलों में बसते थें तभी तो इनके जनाजे में दोनों कौमों की सैंकडो हस्तियाँ शामिल हुई है। ऐसा शौभाग्य किसी – किसी को ही मिलता है।