तजा खबर

जिलाधिकारी के कार्यालय से भी आरटीआई के तहत मांगी गई सूचना नहीं कराया जाता है उपलब्ध



अम्बुज कुमार खबर सुप्रभात समाचार सेवा


औरंगाबाद जिले में भ्रष्टाचार को छुपाने और जांच के नाम पर लीपापोती और भ्रष्टाचारियों को बचाने का खेल का इन दिनों सर्वत्र चर्चा में है। बताते चलें कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने और उजागर करने के उद्देश्य से केन्द्र की यूपीए सरकार ने आरटीआई कानून बनाया था। आरटीआई कानून के तहत

30 दिनों के अंदर संबंधित अधिकारियों को जानकारी उपलब्ध कराना होता है। लेकिन औरंगाबाद के जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री या तो अपने आपको आरटीआई कानून से उपर समझ बैठे हैं या फिर भ्रष्टाचार को छिपाने और संरक्षण देने का कार्य कर रहे हैं तथा आरटीआई कानून को ठेंगा दिखा रहे हैं। जानकारी के अनुसार 26/12/2023 को निबंधित डाक द्वारा जिलाधिकारी से आरटीआई के तहत सूचना मांगा गया था। लेकिन आश्चर्य है कि जिलाधिकारी द्वारा लगभग 7-8 माह बीतने के बावजूद भी सूचना उपलब्ध नहीं कराया गया। इस संबंध में समाजिक कार्यकर्ता आलोक कुमार का आरोप है कि आखिर जिलाधिकारी द्वारा समयानुसार आरटीआई के तहत सूचना नहीं उपलब्ध कराना जिलाधिकारी के मनसुबा जाहिर होता है कि जिले में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के बदले भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना और लूट तंत्र स्थापित करना है।