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राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन को लेकर जिला जज एवं सचिव द्वारा किया गया प्रेस काॅफ्रेंस, राष्ट्रीय लोक अदालत सुलहनीय वादों के निस्तारण का है सशक्त माध्यम, और इसे जन-जन तक पहुॅचाने में मीडिया की भूमिका अहम : जिला जज

अम्बुज कुमार खबर सुप्रभात समाचार सेवा


जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष सह जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री अशोक राज द्वारा जिले के विभिन्न समाचार पत्रो, प्रिट मिडिया, इलेक्ट्र्ाॅनिक मिडिया के साथ जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सभागार में प्रेस कान्फ्रेंस का आयोजन किया गया जिसमें दिनांक 13/07/2024 को

प्रेस वार्ता करते जिला जज व सचिव

आयोजित होने वाले राष्ट्रीय लोक अदालत के सम्बन्ध में प्राधिकार के द्वारा किये जा रहे कार्यो के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी विभिन्न संवाददाताओं को उपलब्ध कराया गया। जिला जज ने बताया कि 13 जुलाई, 2024 को वर्ष 2024 का द्वितीय राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन होना है जिसके लिए न्यायालयों से सम्बन्धित सुलहनीय वादों में अबतक की गयी कार्रवाई का विस्तृत ब्यौरा सभी को उपलब्ध कराया गया साथ ही सभी विभागों द्वारा अपने विभाग अन्तर्गत लम्बित सुलहनीय वादों की सूची उपलब्ध कराने हेतु दिये गये निर्देश से अवगत कराया गया। जिला जज ने बताया कि सभी सम्बन्धित विभागों, न्यायालय तथा सम्बन्धित पदाधिकारियों के साथ कई दौर की बैठक का आयोजन किया गया है । मीडिया द्वारा किये जाने वाले सार्थक सहयोग के प्रतिफल के रूप में राष्ट्रीय लोक अदालत के दिन इसका साकारात्मक परिणाम मिलने की संभावना है। प्रेस कान्फ्रेस में वादों के सम्बन्ध में प्राधिकार के सचिव सुकुल राम ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रारम्भिक स्तर पर अभी 2000 सुलहनीय वादों जो न्यायालय में लम्बित है जिसे चिन्ह्ति किया गया है तथा 3000 से अधिक बैंक ऋण सम्बन्धी मामलों को इस लोक अदालत में लाने का लक्ष्य रखा गया है और इनसे सम्बन्धित नोटिस प्रेषण की कार्रवाई की जा चुकी है, जिसे आगे बढ़ने की संभावना है। साथ ही साथ प्रेस वार्ता के समय बताया गया कि न्यायालय स्तर से बड़े पैमाने पर नोटिस प्रेषित करने की कार्रवाई की गयी है जिससे कि न्यायालय में लम्बित सभी तरह के सुलहनीय मामलों का अधिक से अधिक निस्तारण संभव हो सकेगा। जिला जज द्वारा बताया कि दिनांक 13-07-2024 को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए न्यायालय में लम्बित सभी तरह के सुलहनीय वादों को मिलाकर 550 वादों का निस्तारण का लक्ष्य रखा गया है और इसके लिए पुलिस के माध्यम से नोटिस को सम्बन्धित पक्षकार को हस्तगत कराया गया है। प्राधिकार के सचिव ने बताया कि विभिन्न माध्यमों से पक्षकारो के साथ प्री-कौन्सेलिग की कार्रवाई की गयी है तथा तामिला नोटिस पर उपलब्ध कराये गये सम्पर्क संख्या पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के कार्यालय से युद्धस्तर पर पक्षकारो से सम्पर्क स्थापित कर प्री-कौन्सेलिग के लिए विभिन्न तिथियों में बुलाया जा है एवं उन्हें अपने वादों को निस्तारण हेतु राष्ट्रीय लोक अदालत के पूर्व ही प्रेरित किया जा रहा है। यह कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। जिसके अन्तर्गत 50 से अधिक वादों में राष्ट्रीय लोक अदालत में निस्तारित करने हेतु सहमति प्राप्त हो गयी है। प्रेस काॅन्फे्रन्स के माध्यम से सभी संवाददाताओं को कहा गया कि राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजन की सूचना और तिथि आपके माध्यम से घर-घर तक पहुॅचे इसके लिए आपका निरंतर सहयोग मिलता रहना चाहिए। इस अवसर पर सभी संवाददाताओं ने राष्ट्रीय लोक अदालत के वृहत प्रचार-प्रसार में अपनी भूमिका को पुरी तरह से निर्वह्न करने का भरोसा दिया गया और कहा गया कि पूर्व में भी हमलोगो का सहयोग मिला है और यह निरंतर जारी रहेगा। सचिव ने राष्ट्रीय लोक अदालत में त्वरित निस्तारण हेतु गठित बेंच के बारे में जानकारी देते संवाददाताओं को बताया कि औरंगाबाद जिला एवं अनुमण्डलीय न्यायालय, दाउदनगर को मिलाकर कुल 08 बेंचों का गठन किया गया है जिसके अन्तर्गत
बेच संख्या 01 मोटर दुर्घटना वाद एवं पारिवारिक वाद।
पीठासीन पदाधिकारी श्री उमेश प्रसाद, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, पंचम सह न्यायिक सदस्य। श्री राम दुलार मिश्रा, अधिवक्ता सह सदस्य।
बेंच संख्या 02 औरंगाबाद जिले के सभी बैंक से सम्बन्धित ऋण वाद।
पीठासीन पदाधिकारी श्री अविनाश कुमार, अपर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी, षष्टम सह न्यायिक सदस्य। श्री रमेश कुमार सिंह, अधिवक्ता सह सदस्य।
बेंच संख्या 03 पर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी अपर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी, प्रथम के न्यायालय से सम्बन्धित सुलहनीय आपराधिक वाद एवं वन, श्रम, तथा खनिज से सम्बन्धित सभी न्यायालय का वाद।
पीठासीन पदाधिकारी श्रीमती माधवी सिंह, अपर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी, प्रथम सह न्यायिक सदस्य। श्री दिलीप कुमार सिंह अधिवक्ता सह सदस्य।
बेंच संख्या 04 पर अपर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी, तृतीय, चतुर्थ, षष्टम एवं सप्तम के न्यायालय से सम्बन्धित सुलहनीय मामलें।
पीठासीन पदाधिकारी डा0 दिवान फहद खान, अपर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी, तृतीय सह न्यायिक सदस्य, श्री मधुसुदन वेद्य, अधिवक्ता सह सदस्य।
बेंच संख्या 05 अनुमंडलीय न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय, श्रीमती निधि जायसवाल, न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी के न्यायालय से सम्बन्धित सुलहनीय वाद एवं NI Act से सम्बन्धित मामलें।
पीठासीन पदाधिकारी श्रीमती निधि जायसवाल न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी सह न्यायिक सदस्य। श्रीमती निवेदिता कुमारी अधिवक्ता सह सदस्य।
बेंच संख्या 06 श्री शोभित सौरभ न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी एवं श्री शाद रज्जाक न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी श्रीमती नेहा दयाल न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी के न्यायालय से सम्बन्धित सुलहनीय वाद।
पीठासीन पदाधिकारी श्री शोभित सौरभ न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी सह न्यायिक सदस्य । श्री विनय श्रीवास्तव, अधिवक्ता सह सदस्य।
बेंच संख्या 07 श्री ओम प्रकाश नारायण सिंह, न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी, श्रीमती नेहा न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी (Vacant Court) एवं श्री शुभांकर शुक्ला न्यायिक दण्डाधिकारी द्वितीय श्रेणी के न्यायालय, विद्युत, परिवहन मापतौल, दूरभाष एवं अनुमण्डल पदाधिकारी के न्यायालय से सम्बन्घित सुलहनीय वाद ।
पीठासीन पदाधिकारी श्री ओम प्रकाश नारायण सिंह न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी सह न्यायिक सदस्य । श्री धर्मेन्द्र कुमार, अधिवक्ता सह सदस्य। अनुमण्डलीय न्यायालय दाउदनगर के लिए
अनुमण्डलीय न्यायिक दण्डाधिकारी एवं सभी न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी के न्यायालय का सभी तरह के सुलहनीय वाद एवं द0प्र0सं0 107 एवं 144 से सम्बन्धित वाद तथा दूरभाष इत्यादि।
पीठासीन पदाधिकारी श्री श्वेताभ शाण्डील्य न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी दाउदनगर सह न्यायिक सदस्य । श्री अरविन्द कुमार- II] अधिवक्ता सह सदस्य।