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मेधा पाटकर को मानहानि मामले में सजा देने का फैसले का विरोध: लोकतांत्रिक जन पहल

पटना संवाद सूत्र खबर सुप्रभात समाचार सेवा

लोकतांत्रिक जन पहल ने नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता और जानी मानी सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को दिल्ली के साकेत कोर्ट ने 23 वर्षों पहले वर्तमान दिल्ली के उपराज्यपाल श्री विनय कुमार सक्सेना द्वारा दायर मानहानि मामले में पांच महिना कारावास और 10 लाख का जुर्माना की सजा दिए जाने के फैसले का विरोध करते हुए कहा है कि लोकतंत्र केवल राजकीय संस्थाओं से नहीं चलता। समाज में जो विभिन्न जनमुद्दों पर जो आंदोलन होते हैं उसकी महत्वपूर्ण भूमिका को नजरंदाज नहीं किया जा सकता।लोकतांत्रिक जन पहल ने कहा है कि लोकतंत्र में न्यायालय से आशा की जाती है वह‌ कानून और संविधान की व्याख्या करते वक्त जनहित के परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखेगा। लेकिन अनेक मौकों पर न्यायालय के फैसले ऐसे आए हैं जिसमें कानून जनहित के खिलाफ खड़ा हुआ है।हाल के वर्षों में मानहानि से संबंधित कानून का दुरूपयोग जितना हुआ है उससे हम परिचित हैं। किस तरह कांग्रेस पार्टी के नेता श्री राहुल गांधी के खिलाफ भी गुजरात के एक नीचली अदालत ने सजा सुनाई थी।लोकतांत्रिक जन पहल मानहानि से संबंधित कानून पर नये सिरे पुनः अवलोकन की मांग करता है।