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संध्या समय में चार कार्य भूलकर भी नहीं करें: पुरुषोत्तमाचार्य


एरका (अम्बा) खबर सुप्रभात समाचार सेवा


औरंगाबाद जिले के अम्बा थाना क्षेत्र अंतर्गत एन एच 139 किनारे बसे एरका गांव में आयोजित लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के दुसरे दिन भागवत भास्कर पुरुषोत्तमाचार्य जी ने प्रवचन के दौरान कहे कि मनुष्य को संध्या समय में चार कार्य

भोजन, शयन, अध्ययन व मैथुन भूलकर भी नहीं करना चाहिए। उन्होने दितिऔर अदिति का कहानी सुनाते हुए कहे कि एक दिन दिति ने कामास्त हो गई और संध्या के समय कश्यप के साथ समागम हो गई। फलस्वरूप उसके गर्भ में दो राक्षस पलने लगे। फलस्वरूप उनके गर्भ से दो राक्षस हिरण्याक्ष और हिरण्यकश्यपु का जन्म हुआ। हिरण्याक्ष और बराह भगवान के बीच एक दिन युद्ध हुआ और हिरण्याक्ष का भगवान बराह के हाथों बद्ध हुआ। उपेन्द्र कृष्ण परासर ने अपने कथा के दौरान कहे कि मनुष्य को जब लाभ होता है तो लोभ भी बढ़ता है।इस लिए अधिक लाभ और लोभ से मनुष्य को बचना चाहिए।