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रेलवे का  विकास के दावे का असलियत का पोल खोल रहा गया – क्यूल रेल खंड

नवादा संवाद सूत्र खबर सुप्रभात समाचार सेवा

देश में अमृत महोत्सव का ढिंढोरा पीटा जा रहा है। केन्द्र के एनडीए सरकार विकास के दावा करते नहीं थक रही है। देश में बुलेट ट्रेन चलाई जा रही है। लेकिन बिहार में गया – क्विल रेल खंड पर रेलवे स्टेशनों पर आज तक बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव कभी भी देखा जा सकता है। रेलवे स्टेशनों पर बने शौचालय गंदगी से पटा हुआ है तथा दुर्गंध निकलते रहता है। नवादा जिला मुख्यालय स्थित

रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को प्लेटफार्म पार करने के लिए अंग्रेजी टाइम का पूल भी टुट गया है जिसका पुनः निर्माण नहीं कराया जा सका है। गया से क्यूल तक लाइन का दोहरीकरण कार्य कब पुरा होगा यह भी भविष्य के गर्भ में है। एकहरी रेल लाइन से ट्रेनों का परिचालनों समयानुसार नहीं हो पाता है। फलस्वरूप ट्रेन को घंटों तक लूप लाइन में खड़ा रहना पड़ता है जिससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। यात्री इस रेल खंड से यात्रा करना नहीं चाहते क्यों कि नियत समय पर अपने गंतव्य स्थान पर शायद ही पहुंच पाते हैं। यात्रियों का भी लापरवाही तथा जोखिम उठाने का आदत कभी भी जानलेवा और बड़े हादसे का गवाह बन सकता है। लेकिन रेलवे स्टेशनों पर रेलवे सुरक्षा बलों की या तो कमी है या फिर लापरवाही झलक रहा है। फिर देश में अमृत महोत्सव, विकास के दावे और बुलेट ट्रेन का परिचालन सब बकवास और झूठ साबित कर रहा है गया -, क्विल रेल खंड।