अम्बुज कुमार खबर सुप्रभात समाचार सेवा
औरंगाबाद सांसद सुशील कुमार सिंह ने लोकसभा में नियम 377 के तहत लोकसभा अध्यक्ष के माध्यम से भारत सरकार को बिहार झारखंड के बहुत हि महत्वपूर्ण उत्तर कोयल परियोजना के बारे में ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि बिहार-झारखंड दो-दो राज्यों के लगभग 25 लाख किसानों की 1.25 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई करने वाली

अंतरर्राज्यीय उत्तर कोयल परियोजना का कार्यारंभ 1975 में हुआ।अभी तक हज़ारों करोड़ रुपये से अधिक ख़र्च करने के बावजूद भी दोनों राज्यों के तीन जिलों पलामू, औरंगाबाद और गया के किसान एक निश्चित सिंचाई सुविधा से वंचित है। जबकि शेष कार्यों को पूर्ण करने हेतु 2017 में केंद्रीय मंत्री परिषद ने 1622 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी। 5 जनवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा शेष कार्यों को पूरा करने हेतु शिलान्यास किया गया और कार्यावधि 30 महीने निर्धारित की गई।समय पर कार्य पूर्ण नहीं होने की वजह से निर्माण लागत में वृद्धि के कारण पुनः अक्टूबर 2023 में केंद्रीय मंत्री परिषद ने 2436 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की।जिसके तहत डूब क्षेत्र के किसानों को पुनः मुआवज़ा,मंडल डैम में लोहे का फाटक,मोहम्मदगंज बराज और दाएँ-बाएँ नहरों के जीर्णोद्धार का कार्य होना है।इन सभी कार्यों विशेषकर मुआवज़ा भुगतान करने में झारखंड सरकार का सहयोग अपेक्षित है।मेरी भारत सरकार से माँग है कि लाखों किसानों के हित में 48 वर्षों से लंबित परियोजना के मंडल डैम में अविलम्ब लोहे का गेट लगाया जाए।