अम्बुज कुमार खबर सुप्रभात सामाचार सेवा
बिहार सरकार के पूर्व मंत्री एवं राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ सुरेश पासवान ने कहा है कि पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान सहित पुरे बिहार के जिला मुख्यालय में 2नवम्बर को बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित एक लाख बीस हजार तीन सौ छत्तीस शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया गया ,जो आजाद भारत के इतिहास में पहली बार

इतिहास रचने का काम बिहार सरकार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार एवं उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के द्वारा किया गया। बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा शिक्षक नियुक्ति की सम्पूर्ण प्रक्रिया मात्र तीन महीने में संपन्न किया जाना भी एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड साबित हुआ।इसके लिए बीपीएससी और बिहार की सरकार बधाई के पात्र है। खासकर बिहार सरकार के माननीय उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव को विशेष रूप से बधाई है की आपने जो 2020 के विधानसभा चुनाव में जो दस लाख नौकरी देने का वादा किया था,उसी का प्रमाण है कि आज लाखों शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है।डॉ पासवान ने आगे कहा है कि 1978 में तत्कालीन मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर जी के द्वारा दस हजार से ज्यादा अभियंताओं को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में नियुक्ती पत्र दिया गया था और आज फिर एक बार पटना का गांधी मैदान साक्षी बनेगा की 1978 के बाद पहली बार कुल एक लाख बीस हजार तीन सौ छत्तीस में से पच्चीस हजार शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बिहार सरकार के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार एवं माननीय उप मुख्यमंत्री श्री तेजस्वी प्रसाद यादव के हाथों वितरण किया गया।साथ ही साथ बिहार के सभी जिला मुख्यालयों में संबंधित जिला के प्रभारी मंत्री सहित गणमान्य जन प्रतिनिधियों के द्वारा नियुक्ती पत्र का वितरण किया गया।
एक लाख बीस हजार तीन सौ छत्तीस शिक्षकों के नियुक्ति से प्राथमिक विद्यालय से लेकर उच्च माध्यमिक विद्यालयों में रिक्त पड़े पदों को भरा जाएगा वहीं गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव भी आवश्यक रूप से दिखाई देगा। चूंकि सभी नवनियुक्त शिक्षक बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा लिखित परीक्षा पास कर चयनित हुए तो निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि बिहार में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन होनेवाला है। चूंकि सरकारी विद्यालयों में अधिक से अधिक ग्रामीण इलाकों के गरीब, पिछड़े, दलित एवं अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चे – बच्चियों का पठन-पाठन होता है इसलिए सरकार ने गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मुहैया कराने हेतु बीपीएससी के द्वारा चयनित शिक्षकों को सरकारी विद्यालयों में पदस्थापित किया गया है, जिसमें 48% महिलाऐं एवं 88% बिहार के बेरोजगार युवाओं को नौकरी मिली है जो आने वाले समय में शिक्षा के क्षेत्र में मिल का पत्थर साबित होगा। इसलिए अब महंगें निजी विद्यालयों के तरफ से सरकारी विद्यालयों की तरफ बच्चे रुख करेंगे।