अम्बुज कुमार खबर सुप्रभात औरंगाबाद
प्रखंड मुख्यालय स्थित
एक निजी शिक्षण संस्थान में हिंदी दिवस के अवसर पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया ।जिसकी अध्यक्षता सेंटर के निदेशक विजय सिंह सैनी ने की। हिंदी दिवस के अवसर पर प्रमुख वक्ता के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार एवं जनवादी लेखक संघ के जिला सचिव प्रो. अलखदेव प्रसाद अचल ने कहा खेद है

कि आजादी के 75 साल बाद भी देश में सबसे अधिक बोले जाने वाली भाषा हिन्दी राष्ट्रभाषा का रूप धारण नहीं कर सकी। अभी भी राजभाषा के रूप में ही है। उन्होंने कहा कि हमारी हिन्दी आज तक सरकारी उपेक्षा का शिकार होती रही है। यही कारण है कि जिस गति से हिन्दी का विकास होना चाहिए था, नहीं हो सका। उन्होंने हिन्दी की दुर्दशा के लिए सरकार को एवं सरकार के ऊंचे ऊंचे ओहदों पर बैठे अफसरों को जिम्मेवार बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि इनलोग इसलिए हिंदी का विकास होने देना नहीं चाहते हैं ,ताकि किसानों और मजदूरों के बेटे बेटियां ऊंचे पदों पर न चले जाएं। यही कारण है कि सरकार का ध्यान हिन्दी के विकास पर नहीं, बल्कि अंग्रेजी के विकास पर है। इसीलिए सरकार इंग्लिश मीडियम के स्कूलों को खोलने के लिए अनुमति पर अनुमति देती जा रही है। यही कारण है कि हमारे देश में आज भी अंग्रेजी वर्चस्व की भाषा के रूप में स्थापित है। श्री सैनी ने कहा कि जब तक हमारी हिन्दी का विकास नहीं होगा ,तब तक देश का भी सर्वांगीण विकास नहीं होगा। हमारा देश आज भी भाषा के मामले में गुलाम बना हुआ है। आनंद कुमार ,मानसी कुमारी ,मनीष विश्वा, रंजन कुमार ने भी हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने पर बल दिया।