अम्बुज कुमार खबर सुप्रभात सामाचार सेवा
स्वतंत्रता दिवस के 77 वीं वर्षगांठ के अवसर पर कुटुंबा प्रखंड के बलिया पैक्स भवन पाण्डेय बिगहा में समारोह पूर्वक आजादी का जश्न मनाया गया वहीं आन -बान-शान के साथ पैक्स अध्यक्ष कपिल देव पाण्डेय राष्ट्र ध्वज फहराया। इस अवसर पर पैक्स प्रबंधक शिवमंगल सिंह, सदस्य जितेंद्र सिंह, उमेश सिंह, अरविंद सिंह, कृष्ण महतो, राजेंद्र प्रजापति, राजेंद्र पासवान, बलिया ग्राम कचहरी के सरपंच वीरेंद्र भुईयां, सुरेश सिंह, राजेंद्र सिंह, रामचंद्र सिंह, वैजू सिंह के अलावे सैकड़ों लोग उपस्थित थे। उपस्थित लोगों को

संबोधित करते हुए पैक्स अध्यक्ष कपिल देव पाण्डेय ने अपने कार्यकाल का उपलब्धि बताया तथा कहा की बलिया पैक्स किसानों को सुविधा मुहैया कराने में पूरे प्रखंड में अग्रणी रहा है। तथा उन्होंने कहा की किसान के लिए पैक्स के माध्यम से जो भी सेवा होगा उसे उपलब्ध कराया जाएगा। एक अन्य जानकारी के अनुसार राजद के कुटुंबा प्रखंड कार्यालय नबीनगर रोड अंबा में भी आजादी का 77 वीं साल गिरह के अवसर पर राजद के प्रखंड अध्यक्ष सत्यानरण शर्मा ने राष्ट्र ध्वज फहराया इस अवसर पर कुटुंबा के पूर्व प्रमुख कृष्ण पासवान, पूर्व प्रमुख मनोज सिंह यादव, नन्द कुमार सिंह यादव, प्रो ० अरुण सिंह, ओमप्रकाश सोनी, अरुण यादव, सरयू प्रजापति, हरिनारायण मेहता, जगनरायण

यादव, नारायण यादव, राजेश मेहता, शंकर सिंह, उदय यादव, रवींद्र यादव, नारायण यादव, इंद्रदेव सिंह चंद्रवंशी, गुड्डू पासवान, उपेंद्र यादव, प्रकाश कुमार, पप्पू शर्मा, रामनारायण यादव, संजय शर्मा, सुनील पासवान, अर्जुन यादव, सुरेंद्र यादव, तपेश्वर राम, अमरेंद्र शर्मा, अजय शर्मा, समरेश कुमार शर्मा उपस्थित थे। संबोधित करते हुए प्रखंड अध्यक्ष सत्यानारण शर्मा ने कहा की आज देश के स्वतंत्रता तथा लोकतंत्र और संविधान खतरे में हैं। बाबा साहब अम्बेडकर ने जो संविधान बनाया उस संविधान का आरएसएस नित भाजपा के केंद्र सरकार धज्जी उड़ा रही हैं तथा साम्राज्य वाद प्रस्त नीतियों के रास्ते चल रही है। आजादी के संघर्ष में कुर्बानी और सहादद देने वालो को जहां नजर अंदाज किया जा रहा है वहीं अंग्रेजो के चाटुकार और दलाली करने वाले लोगों को रास्ते पर देश को ढकेला जा रहा हैं। जिसे राष्ट्रीय जनता दल कभी भी बर्दाश्त नहीं करेगा प्रखंड अध्यक्ष ने आह्वाहन किया की आजादी के हिफाजद के लिए समाज के सभी वर्ग एक मंच पर आए और यहीं समय का मांग हैं।