हसपुरा संवाद सूत्र खबर सुप्रभात समाचार सेवा
श्री राम के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए जनवादी लेखक संघ के सचिव व वरिष्ठ सहायक प्रो. अलखदेव प्रसाद’अचल’ ने कहा है कि घमंडी राम जी ने करीब ढाई दर्जन पुस्तकों की रचना की थी। जिसमें हिन्दी, मगही और भोजपुरी विशेष रूप से शामिल थी। उन्होंने विभिन्न विधाओं में रचनाएं की थी। उनकी रचनाओं में गरीबों और मजलूमों

की आवाज होती थी। वे लंबे काल तक जनवादी लेखक संघ से जुड़े रहे थे और काफी क्रियाशील थे। उनके निधन से वर्तमान साहित्य को अपूरणीय क्षति हुई है। जिसकी भरपाई निकट समय में संभव नहीं है
जनवादी लेखक संघ औरंगाबाद के अध्यक्ष इकबाल अख्तर दिल, उपाध्यक्ष श्रीनिवास मंडल, संयुक्त सचिव शंभू शरण सत्यार्थी, विकास कुमार, अंबुज कुमार , योगेंद्र कुमार सिन्हा गौतम, डॉ राजेश कुमार विचारक,समुंद्र सिंह, रवि नंदन, जितेंद्र कुमार चंचल आदि ने भी घमंडी राम जी के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की है।