हसपुरा संवाद सूत्र खबर सुप्रभात
जन हुंकार मंच ऑनलाइन कविता पाठ का कार्यक्रम संपन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्यकार प्रो. अलखदेव प्रसाद अचल ने की, जबकि संचालन युवा कवि जितेंद्र कुमार चंचल ने किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं समीक्षक अवकाश प्राप्त प्रिंसिपल डॉ. अली इमाम खान रहे। जिन्होंने कहा आज की कविताओं को जन सरोकार से जुड़ी होना बहुत जरूरी है। क्योंकि कला महज कला नहीं होनी चाहिए।
कविता पाठ करते हुए गया से जुड़े कवि अरुण हरीवाल ने

पाखंडियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ‘ उनके मन में राम होता है नहीं ,बदचलन जो धूर्त हो बदनाम होता है नहीं ‘ जहानाबाद से जुड़े कवि सुधाकर राजेंद्र ने बेवफाई को दर्शाते हुए कहा कि ‘ जिन पत्थरों को तराशा है हमने, उनसे है हम चोट खाने लगे हैं। वाराणसी से जुड़े मशहूर शायर डॉ. बख्तियार नवाज ने समाज में हो रहे विश्वासघात को दर्शाते हुए कहा कि ‘ साथ क्या देगी तेरी वैशाखियां, टूट जाएंगे सहारे देखना।’ कानपुर से जुड़ी युवा कवयित्री क्रांति पटेल ने महिलाओं की पीड़ा को दर्शाते हुए कहा ‘ कल्पनाओं का सुंदर संसार, विडंबनाओं का सुंदर खेल ‘ पटना से जुड़े मणिकांत मणि ने कुपुत्र पुत्र पर तंज कसते हुए कहा ‘ बेबस बाप करे जो अब का, जब अपना घर फूट जा हे। डॉ.राजेश कुमार विचारक ने आज के हालात पर व्यंग्य करते हुए कहा ‘ राम रखऽ चाहे रहमान रखऽ, गीता रखऽ चाहे कुरान रखऽ, हम हाथ जोड़कर के कहइत ही, हर दिल में जिंदा इंसान रखऽ।’ वहीं अंबुज कुमार ने आज जाति धर्म के नफरत को दर्शाते हुए कहा कि ‘जाति धर्म के आज आग लगल हे, नफरत के बाजार गरम हे।
इस कार्यक्रम से जुड़ने वालों में , गोपाल प्रसाद,वीरेंद्र प्रसाद ,डॉ. सत्यदेव सिंह, बीरेंद्र कुमार खत्री, विजय कुमार कर्ण प्रमुख रुप से रहे।