आलोक कुमार संपादक सह निदेशक, खबर सुप्रभात समाचार सेवा
प्रधानमंत्री नरेंद्र दास मोदी के पार्टी बीजेपी ने 2जुलाई (रविवार) को फिर ओ कारनामा कर दिखाया जिसमें वे परांगत है और इसके लिए 9 वर्षों में महारथ हासिल कर चुके हैं प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के जोड़ी ने।कई राज्यों में आपरेशन लोटस (कमल) के तहत कई राज्यों में विपक्ष के सरकार को गिराई और बीजेपी सरकार को बनाई इसके लिए शाम दंड, भेद हर तरह के हथगंडे का इस्तेमाल किया। इस तरह एक रिकॉर्ड फिर महाराष्ट्र में बनाया और महाराष्ट्र में बीजेपी ने शरद पवार के पार्टी एनसीपी को अजीत पवार ने

जिसके संबंध में प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी के नेताओं ने घोटाले का बड़े बड़े आरोप लगाते थे। देवेंद्र फडणवीस ने यहां तक चुनावी सभा में बोलते थे की बीजेपी के सरकार बनी तो अजीत पवार जेल में चकी पीसेंगे, प्रधानमंत्री मोदी हर भाषण में कहा करते है की न खावूंगा न खाने दूंगा, लेकिन आज प्रधानमंत्री खाने वाले लोगो को अपने साथ एम मिला रहे है और अपनी वॉशिंग मशीन में धो रहे हैं। जिस एनसीपी पर 70 हजार करोड़ रुपए का घोटाला का आरोप प्रधानमंत्री मोदी लगाते हैं और करवाई की गारंटी करते हैं उसी पार्टी के आरोपितों को अपने पार्टी में शामिल कर अजीत पवार को उप मुख्यमंत्री तथा अन्य आरोपियों को मंत्रिमंडल में शामिल करा कर आखिर क्या संदेश दे रहे हैं? हालही में अमेरिका और मिश्र के दौरा कर जब स्वदेश लौटे तो 27 जून को मध्यप्रदेश के राजधानी भोपाल में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सीना ठोक कर एलान कर रहे थे की घोटाले बाजों के विरूद्ध चुन चुन कर करवाई होगा। लेकिन महाराष्ट्र में जिस तरह से राजनीतिक भ्रष्टाचार का प्रकाष्ठा पार कर एनसीपी के नेताओं को भाजपा सरकार ने शामिल किया गया इससे साफ जाहिर होता है कि प्रधानमंत्री जो कुछ भी बोले इसके लिए उन्हें पूर्ण आजादी तो नहीं हैं?