औरंगाबाद खबर सुप्रभात समाचार सेवा
औरंगाबाद जिला मुख्यालय से लेकर जिले के दक्षिणी क्षेत्र खासकर जंगल व पहाड़ी इलाकों में मार्च से ही पेयजल संकट गहराने लगा था और आज पेयजल संकट गंभीर रूप धारण कर चुका है। पेयजल संकट के लिए इस वर्ष कम वर्षा होने के कारण जल स्तर नीचे चले जाना और जिला

मुख्यालय में श्री सीमेंट फैक्ट्री द्वारा एग्रीमेंट के विपरित अत्याधिक जल दोहन तो मूल रूप से कारण बना हुआ है साथ ही पेयजल संकट से निपटने और इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने के नाम पर खानापूर्ति और योजनाओं के राशि में भयंकर प्रशासनिक संरक्षण में लूट, मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना के राशि में सत्ता के दलालों और कर्तव्य से भटक चुके अधिकारियों के संरक्षण में हुए राशि का लूट तथा जांच के नाम पर लीपापोती तथा लूट में शामिल लोगों को बचाने का खेल में शामिल जांच अधिकारी भी हैं। उल्लेखनीय है कि जिले में पेयजल संकट से निपटने के लिए प्रशासनिक तैयारी का ढिंढोरा तो पिटा जाता है लेकिन चिंता और जांच का विषय यह है कि आखिर महीनों बीत जाने के बावजूद भी प्रशासनिक तैयारी धरातल नहीं दिखाई पड़ता है।