औरंगाबाद से अधिवक्ता शतीश स्नेही का रिपोर्ट
प्रधान न्यायाधीश के पद रिक्त होने के बाद भी राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से किये जायेंगें उनके न्यायालय से सम्बन्धित सुलहनीय वाद। सचिव के द्वारा यह भी बताया गया कि पिछले कई माह से परिवार न्यायालय के प्रधान

न्यायाधीश का पद रिक्त है उनके न्यायालय का वाद भी उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत में निस्तारित किये जायेगें परन्तु परिवार न्यायालय में लम्बित तलाक के मामलो का निस्तारण राष्ट्रीय लोक अदालत में नहीं किया जायेगा। इसके अतिरिक्त भरण-पोषण, दामपत्य जीवन पुर्नस्थापन वाद इत्यादि उक्त न्यायालय से सम्बन्धित सुलहनीय मामलों के निस्तारण में न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश के पद का रिक्त होना राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से वाद का निस्तारण करने में कोई समस्या नहीं आयेगी।