अम्बा ख़बर सुप्रभात समाचार सेवा
औरंगाबाद जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट गहराने लगा है। तेजी से जलस्रोत नीचे जाने से नलकूपों से लेकर चपा कल फेल जबाव देने लगा है। दर्जनों चंपा कल मामूली यांत्रिक गड़बड़ी के कारण ख़राब है। मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना के तहत प्राक्कलन के विपरित कार्य

किया गया है। पाइप से लेकर बोरिंग तक प्राक्कलन के विपरित किया गया है फलस्वरूप मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना से भी लोगों के घरों में पानी नहीं पहुंच रहा है। यदि कुछ घरों में पानी पहुंच भी रहा है तो कब पेयजल आपूर्ति किया जाएगा और कब बंद होगा इसका कोई समय सीमा नहीं है। पेयजल संकट गहराने से आम लोगों के साथ साथ पशुधन को ज्यादा तबाही का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों को माने तो पेयजल संकट के वजह से जहां आमलोगों को प्रतिदिन तबाही का सामना करना पड़ रहा है वहीं अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि तक मस्त है और पेयजल संकट से निपटने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में अभी तक कोई ठोस एवं कारगार कदम नहीं उठाया जा रहा है। इस संबंध में समाजसेवी महेन्द्र सिंह का आरोप है कि एक तरफ जहां ग्रामीण पेयजल संकट से जूझ रहे हैं वहीं अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि तक मस्त हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल आपूर्ति हो तथा पेयजल संकट उत्पन्न नहीं हो इसके लिए मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना के तहत सभी वार्डों में लाखों लाख रुपए पानी के तरह भेजा लेकिन भ्रष्ट अधिकारियों जनप्रतिनिधियों तथा दलालों का गंठजोड़ उक्त राशि को लूटने में मस्त रहे और जांच व फ्लोअप मीटिंग का खानापूर्ति होते रहा है।