देव संवाद सूत्र खबर सुप्रभात
औरंगाबाद जिला के देव प्रखंड मुख्यालय स्थित विद्युत शक्ति उप केंद्र में शनिवार को विद्युत उपभोक्ताओं के विद्युत बिल, बिल सुधार ,मीटर रीडिंग में गड़बड़ी एवं अन्य प्रकार की समस्याओं के निराकरण के लिए विद्युत विभाग के एसडीओ ने शनिवार को शिविर लगाने की बात कही थी। जानकारी मिलने पर उपभोक्ता विद्युत शक्ति उपकेंद्र देव पहुंचे जहां यत्र तत्र चक्कर लगाकर अपने घर को लौट गए। लौट रहे उपभोक्ताओं से जब पत्रकार ने सवाल किया तो सरगांवा पंचायत के कनतरी गांव के एक उपभोक्ता ने बताया कि हम लोगों को बुलाया गया था कि विद्युत से जुड़ी समस्याओं का हल किया जाएगा, लेकिन यहां पहुंचने पर कोई पदाधिकारी विद्युत शक्ति उप केंद्र में उपस्थित नहीं थे। जबकि पहुंचे एक उपभोक्ता ने बताया कि हमने 2021 में बोरिंग कराने के बाद कनेक्शन करने के लिए आवेदन दिया था लेकिन 2021 के बदले बैक डेट में 4 साल पीछे का बिजली बिल भेज दिया गया। इसी समस्या को लेकर हम विद्युत शक्ति उपेंद्र देव शनिवार को पहुंचे थे लेकिन हमें कोई पदाधिकारियों से बात नहीं हुई ।आवेदन लेकर जब हम विद्युत प्रशाखा देव के अंदर पहुंचे तो डाटा एंट्री ऑपरेटर के द्वारा आवेदन प्राप्त कर लिया गया और कहां गया की जांच की जाएगी। हालांकि इस संबंध में जब पत्रकारों ने बारीकी से जानने का प्रयास किया और विद्युत शक्ति उप केंद्र देव के अंदर जब गए तो विद्युत विभाग के एसडीओ से मिलना चाहा तो कर्मियों ने बताया कि एसडीओ अभी विद्युत शक्ति उप केंद्र में नहीं हैं।जबकि विद्युत शक्ति उपकेंद्र में देव के कनीय विद्युत अभियंता सचिन कुमार मिले उन्होंने कहा कि हमें इस शिविर से कोई लेना देना नहीं है। यह शिविर एसडीओ साहब के अंतर्गत है और वही इस शिविर के बारे में विशेष रूप से जानकारी देंगे। बाजीतपुर की एक महिला पहुंची और उन्होंने बताया कि बेवजह हम लोगों को विद्युत विभाग के पदाधिकारियों के

द्वारा परेशान किया जाता ह। हम कनेक्शन लिए हैं लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक नहीं रहने के कारण हमने विद्युत बिल जमा नहीं कर पाया था। जिसके वजह से लाइन काट दिया गया था,लेकिन जब ₹2000 जमा किए तो लाइन जोड़ दिया गया और उसके बाद घर पर छापेमारी कर बेवजह के ऊपर से और जुर्माना लगा दिया गया और f.i.r. भी दर्ज करा दी गई और जब इस बात की हमें जानकारी हुई कि देव में शनिवार को शिविर लगेगी तो हम समस्या को लेकर देव विद्युत शक्ति उप केंद्र पहुंचे लेकिन यहां कुछ नहीं पाया। अब सवाल उठता है कि पदाधिकारियों के द्वारा शिविर लगाने की बात तो कही जाती है लेकिन शिविर से खुद पदाधिकारी गायब होते हैं तो उपभोक्ताओं की समस्या का निराकरण कैसे हो सकता है। हालांकि इन सभी बातों को जानने के बाद विद्युत शक्ति उप केंद्र में जाकर एसडीओ से मिलकर इस बात के बारे में जानना चाहा लेकिन विद्युत शक्ति उप केंद्र में विद्युत विभाग के एसडीओ मौजूद नहीं थे।