अम्बुज कुमार खबर सुप्रभात
अरई निवासी भाजपा जिला प्रवक्ता श्री अश्वनी कुमार तिवारी ने अरई सूर्य मंदिर का इतिहास बताया श्री तिवारी ने कहा कि सूर्य मंदिर बनाने का लगभग सभी ग्रामीणों को पहले से ही बहुत ही ईच्छा था एक दिन ऐसा समय हुआ प्रतिदिन की भांति उस समय के तत्कालीन मुखिया राजकुमार शर्मा अनिल शर्मा नन्हेस्वर शर्मा विजय मौआर नगेंद्र शर्मा प्रतिदिन घूमने भद्राही के तरफ शाम को घूमने जाते थे वहीं पर एकाएक फिर से सूर्य मंदिर निर्माण का बात निकला और वही तय हो गया सूर्य मंदिर बनाना चाहिए उसी ग्रुप से नगेंद्र शर्मा ने सूर्य मंदिर निर्माण का न्यू रखा दशहरा नवमी तिथि 2003 को न्यू दिया गया 19 फरवरी 2006 को प्राण प्रतिष्ठा हुआ जिसमें बिहार सरकार के कई मंत्री स्थानीय तमाम सक्षम पदाधिकारी भी उस प्राण प्रतिष्ठा में साक्षी बने थे मंदिर निर्माण में सिर्फ बाहर से आए मिस्त्री को ही पैसा दिया गया शेष कार्य ग्रामीणों द्वारा श्रमदान करके पूरा किया गया था जिसमें पिछड़ा अति पिछड़ा दलित महादलित और तो और जो इस गांव में मुस्लिम समुदाय के लोग रहते थे वे लोग भी अपना श्रमदान और जो हो सकता था नगद चंदा भी देने का काम किया था पिछड़ा समाज से भोली राम गणेश मिस्त्री कई लोग ने अपना श्रमदान किया 2003 से 2006तक मंदिर निर्माण के समय एक गजब का आपसी सौहार्द प्रेम था

जिसका ही देन है कि मात्र 3 साल में भव्य मंदिर का निर्माण हुआ और कुछ ही दिन बाद स्थानीय मुखिया राजकुमार शर्मा द्वारा पंचायत के विकास फंड से छठ व्रतियों को कोई असुविधा न हो इसके लिए तीन तरफ से पोखरा घाट निर्माण भी करवाया आज लाखों की संख्या में अगल बगल के लोग वहां पहुंच कर भगवान सूर्य का अर्घ देते हैं उस समय के तत्कालीन मुखिया श्री शर्मा द्वारा कई विकास कार्य किया गया जिसमें आंगनबाड़ी केंद्र समुदायिक भवन हॉस्पिटल गाँव से मंदिर तक जाने का ईट सोलिंग निर्माण कई योजना से 36 एकड़ में पसरी उस पोखरा के पिंड पर अनेक प्रकार के भवन सुशोभित हैं उस समय कई अभिभावकों का भी सहयोग पूर्ण रूप से रहा गनौरी शर्मा कृष्णा शर्मा तत्कालीन उस समय के सरपंच रामप्रवेश मौआर सियाराम मौआर जनकदेव मौआर सकलदेव शर्मा सुबिन पांडेय रामाशीष सिपाही रामचंद्र महतो विजय महतो शंकर राम सहित पूरे ग्रामीण का सुखद और सौहार्द पूर्ण सहयोग से मंदिर निर्माण कार्य संपन्न हुआ था आज भी हुए आज भी मंदिर निर्माण के समय तत्कालीन बच्चे आज नवयुवक संघ सूर्य सेना कमेटी के नाम से समूह बनाकर तमाम छठ व्रतियों को सेवा करते आ रहे हैं