हसपुरा संवाद सूत्र खबर सुप्रभात
हसपुरा में ‘जन हुंकार ‘ मंच का दूसरा आनलाइन कविता पाठ का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार प्रो.अलखदेव प्रसाद अचल ने की जबकि कार्यक्रम का संचालन युवा कवि जितेंद्र कुमार चंचल ने किया। कविता पाठ में गया से वरिष्ठ कवि कृष्णचंद्र चौधरी कमल ने अपनी गजल से आज की व्यवस्था पर चोट की। बोकारो से कुमार सत्येन्द्र ने कहा कि” बंगला गाड़ी सब
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सरकारी, मशरुम के खाए तरकारी, लाखों के तो पिअलक पानी, बुढ़वा काट रहल हे चानी ” पटना से कवयित्री रंजू राही ने जाति वाद पर प्रहार करते हुए कहा कि” हर एक के खून में,जाति का दंभ भरा है, वहां ब्लड टेस्ट में, जाति क्यों नहीं आती? नवादा से के के भट्टा ने समय की महत्ता को दर्शाते हुए कहा कि “दिन दुपहिया भोरे संझिया घुप्प अन्हरिया होल हे,केकरो राह न देखतो भइया,समय बड़ा अनमोल हे ” पटना से पृथ्वीराज पासवान ने चाटुकार राजनीति पर कटाक्ष करते हुए कहा कि “शाहंशाह के दरबार में तानाशाही के के दावत के करतो?सभे अगर तलवे चाटत,त तानाशाही के बगावत के करतो ? गोपेन्द्र कुमार सिन्हा गौतम ने जनगणना का विरोध करने वालों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि “जाति मज़हब में बांट सांपों को, सिर्फ नागवंशी लावा दूध खा रहे हैं”समुन्दर सिंह ने देश के नाकाम शासक पर व्यंग्य करते हुए कहा कि “गांव के हर गली हर मुहल्ला में शोर है,दूसरा कोई नहीं, चौकीदार ही चोर है ” से दर्शकों को खूब गुदगुदाया।सारी कविताओं की समीक्षा बोकारो से जुड़े वरिष्ठ कवि व समीक्षक गोपाल प्रसाद ने की। जिन्होंने कहा कि आज के हालात में कवियों व शायरों को अपनी पैनी नजर का परिचय देते हुए लेखन करने की जरूरत है।
इस कार्यक्रम में डॉ. राजेश कुमार विचारक, डॉ. संजय गुप्ता, श्रीनिवास मंडल, अंबुज कुमार, बीरेंद्र कुमार खत्री, डॉ. सत्यदेव सिंह, प्रेमकुमार सिंह, विजय कुमार कर्ण,की महत्वपूर्ण सहभागिता रही।