अम्बुज कुमार का रिपोर्ट
औरंगाबाद जिले के दाउदनगर अनुमंडल मुख्यालय में अतिप्राचीन पीतल उद्योग आज सरकारी एवं प्रशासनिक उपेक्षा का दंश झेलने के कारण अपना अस्तित्व और पहचान खोते जा रहा है।पीतल उद्योग में लगे कारीगरों के समक्ष रोजी रोटी के गंभीर समस्या उत्पन्न हो गया है फलस्वरूप कारीगर रोजी रोटी के लिए दुसरे प्रदेशो में पलायन कर रहे हैं। बता दें कि दाउदनगर में एक बड़ी आबादी जो ठठेरा जाती से आते हैं इनका पुस्तैनी धंधा पीतल का बर्तन बनाना था। पीतल का बर्तन बनाने के लिए दाउदनगर में कुटीर उद्योग का जाल बिछा हुआ था और घर घर में पीतल का बर्तन बनाया जाता था। दाउदनगर के निर्मित पीतल का बर्तन बिहार -झारखंड, बंगाल उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में भी मांग था और इस वजह से उन राज्यों से भी यहां व्यापारी आया करते थे और लाखों के खरीददारी करते थे। शादी विवाह के अवसर पर दुर दुर से लोग यहां पीतल का बर्तन का खरीददारी करने आया करते थे लेकिन आज दाउदनगर का पीतल उद्योग दम तोड रहा है। पीतल का बर्तन बनाने के कामों में हजारों कारीगर का घर परिवार लगा रहता था जो आज बेरोजगारी का दंश झेलते हुए पलायन करने लगे हैं।