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22 वर्षों में भी नहीं हुआ झारखंड का विकास, शाम होते ही अंधेरे में डुब जाती है हाट-बाजार से लेकर ग्रामीण क्षेत्र, उद्योग धंधा व कृषि से लेकर पठन पाठन पर पड रहा है प्रतिकूल असरशाम होते ही अंधेरे में डुब जाती है हाट-बाजार से लेकर ग्रामीण क्षेत्र, उद्योग धंधा व कृषि से लेकर पठन पाठन पर पड रहा है प्रतिकूल असर

संवाद सूत्र हंटरगंज (चतरा)

झारखंड प्रदेश के चतरा जिले के हंटरगंज बाजार से लेकर ग्रामीण क्षेत्र शाम होते ही अंधेरे में डुब जाया करता है.दिन में लोग अपना किसी तरह सूर्य के प्रकाश का लाभ उठाते हुए अपना दैनिक कार्यों का निषपादन तो कर लेते हैं लेकिन शाम होते ही हंटरगंज बाजार से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर

बिजली गुल रहने के कारण अंधेरे में डुब जाया करता है. बता दे कि हंटरगंज प्रखण्ड मुख्यालय से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में चौबीस घंटे के बदले 6- 8 घंटे भी बिजली उपभोक्ताओं को नसीब नहीं हो रहा है.फल स्वरुप प्रखण्ड मुख्यालय से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे छोटे कल कारखाने तथा लघु उद्योग दम तोडने लगे हैं तथा कृषि कार्य से लेकर पढने वाले बच्चों के भविष्य पर भी ग्रहण लग रहा है . ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश सडकें जिर्ण शिर्ण अवस्था में पहुंच चुकी हैं, सिंचाई के अभाव में किसान के खेतों में दरारें खुली हुई है और खेतों में फसल की बुवाई नहीं हो रहा है. शिक्षा, स्वास्थ का इस्थिती चरमरा चुकी है. सरकार प्रायोजित राज्य व केन्द्रीय योजनाओं में लूट मची हुई है तथा योजनाएं भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ कर दम तोड़ रहा है.हंटरगंज से लेकर पुरे जिला में अवैध धंधा फल फूल रहा है.अवैध उत्खनन एवं अफिम के खेती जोरों पर हो रहा है.बता दें कि बिहार से जुदा होकर 15नवम्बर 200 को झारखंड राज्य अस्तित्व में आया था. बिहार से झारखंड राज्य बनाने का मूल आधार बताया गया था कि जब झारखंड राज्य बनेगा तो झारखंड के सभी पांचो प्रमंडल और 24 जिलों का चहुमुखी विकास होगा और बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिलेगा. परन्तु 22 वर्ष वितरण के बाद भी नहीं यहां के लोगों का विकास हो सका और नहीं बेरजगारों को रोजगार नसीब हो रहा है।

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