सुनील कुमार सिंह खबर सुप्रभात समाचार सेवा
तीन दिसम्बर 1971 की तारीख को पाकिस्तान नें भारत पर हमला कर दिया था । इसी दिन पाकिस्तान के वायु सेना नें आपरेशन चंगेज खाँ लांच कर भारत के ग्यारह हवाई अड्डे पर हमले कर दिए। पाकिस्तान के रिस्ते चीन एवं अमेरिका से बेहतर थें । अमेरिकी राष्ट्र पति निक्सन नें पाकिस्तान की

तरफ से भारत पर अटैक करनें के लिए समुद्री बेड़ा बंगाल की खाड़ी में भेज दिया । तभी भारत का दोस्त सोवियत रूश नें भारत की हिफाजत के लिए अपनी पनडुब्बी बंगाल की खाड़ी में तैनात कर दिया और बोला कि कोई भी बाहरी देश भारत – पाकिस्तान युद्ध में पाकिस्तान का साथ नहीं दे । अन्यथा अंजाम बुरा होगा। भारत पर हमला करनें वाले बाहरी देश को रुश से लड़ना पड़ेगा। नतीजन चाईना चुप रहा और अमेरिका भाग खड़ा हुआ । भारतीय सेना बहादुरी के साथ बंगलादेश की मुक्ति सेना के साथ पाकिस्तान पर कहर बरपाते हुए लगातार आगे बढ़ता गया । 15 दिसम्बर 19 7 1 को 80 हजार पाकिस्तानी सैनिकों नें भारत के सामनें सरेंडर कर दिया। पाकिस्तान चारो खानें चित हो गया । बंगलादेश का जन्म हुआ । जब – जब भी भारत को जरूरत हुई, तब -त्तब रुश भारत के साथ खड़ा हुआ है। चाहे विनिर्माण का क्षेत्र हो या अकाल का, पाकिस्तान के साथ युद्ध का मौका हो या फिर अमेरिका – चाईना की गिदड़ घमकी का । वीटो पावर का मामला हो या फिर सस्ते कच्चे तेल व्यापार का । एक सच्चा दोस्त की भुमिका में रुश भारत के हर मोर्चे पर खड़ा हुआ है। भारत का कोई सच्चा दोस्त है तो वह – रुश है, सिर्फ रुश है, सिर्फ रुश ही है।