अनियमितता के आरोप में सहायक निदेशक औरंगाबाद हुए कार्यमुक्त

अम्बुज कुमार खबर सुप्रभात समाचार सेवा


अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सह प्रधान दंडाधिकारी सुशील प्रसाद सिंह के पत्र के आलोक में समाज कल्याण विभाग पटना द्वारा की गई कार्रवाई, बोर्ड द्वारा 10 सितंबर को कार्यवाही हेतु भेजा गया था पत्र ,15 सितंबर को समाज कल्याण विभाग पटना ने कार्यमुक्त करने का लिया निर्णय और जिला पदाधिकारी औरंगाबाद को भेजा निर्देश,16 सितंबर को जिला पदाधिकारी औरंगाबाद ने आदेश निकाल कर संतोष कुमार चौधरी सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण ईकाई औरंगाबाद को कार्यमुक्त करते हुए जिला समाजिक सुरक्षा कोषांग औरंगाबाद के सहायक निदेशक महेशानंद को दिया अतिरिक्त पदभार, आपको मालूम कि 16/08/25 को सुरक्षित स्थान प्रभारी अधिक्षक ने टेलीफोन से किशोर न्याय बोर्ड औरंगाबाद को सूचना दी कि दर्जन भर किशोर वायरल बुखार से पीड़ित हैं उन्हें और उनके डाक्टर को वाहन उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है ऐसा होना समाज कल्याण विभाग के निर्देश के विपरित थी इससे उग्र हो कर संसिमित किशोरों ने रात्रि में भुख हड़ताल कर दी थी जिससे किसी भी अनहोनी की सम्भावना बढ़ गई थी, सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण ईकाई औरंगाबाद की यह घौर लापरवाही और कर्तव्य हिनता का घोतक था इस संबंध में डीएलएमसी के बैठक 30/08/25 के उपरांत सहायक निदेशक को शोकोज किया गया था, सहायक निदेशक ने शोकोंज का जवाब में जवाब देने को अपने आप को उत्तरदाई नहीं माना था,जिसे बोर्ड ने असंवेदनशीलता और प्रशासनिक विफलता मानते हुए उचित कार्यवाही हेतु समाज कल्याण विभाग पटना को कार्रवाई हेतु लेटर भेजा गया था जिसमें यह भी जिक्र था कि इनके पूर्व के कार्यकाल में भी 15/10/21 को सुरक्षित स्थान में आवासित कुछ किशोर मुख्य द्वार से भाग गए थे जिसके जांच की कार्रवाई संचालित और लम्बित है ऐसे स्थिति में साक्ष्य प्रभावित की सम्भावना है, किशोर न्याय बोर्ड औरंगाबाद के पत्र के महत्व और बच्चों के हीत देखते हुए अपर निबंधक किशोर न्याय सचिवालय माननीय उच्च न्यायालय पटना द्वारा यह ठोस कदम उठाए गए हैं।