सुनील कुमार सिंह की रिपोर्ट
16 अगस्त से 20 सितम्बर तक पुरे बिहार में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा ‘ राजस्व महाभियान 2025 ‘ की शुरुआत की गयी है। इसी के तहत् मदनपुर अंचल के मदनपुर पंचायत के सभी प्रमुख गाँवों में शिविर लगाकर जमाबंदी में सुधार हेतु कार्य किये जा रहे हैं। राजस्व कर्मचारी प्रभात रंजन नें प्रेस प्रतिनिधियों को बताया कि मेरे जिम्में

मदनपुर एवं एरकी कला पंचायत है।दोनों पंचायत के राजस्व गाँवों, टोला एवं कस्वों में शिक्षा सेवक, विकास मित्रों एवं स्वच्छता पर्यवेक्षकों के सहयोग से जमाबंदी का वितरण किए जा रहे हैं। प्रथम शिविर 2 3 अगस्त को मदनपुर पंचायत के राजस्व गाँव दशवतखाप के पंचायत भवन में आयोजित किया जानें वाला है। इस शिविर में जमाबंदी त्रुटि में सुधार, छुटे हुए जमाबंदी का on line चढ़ाया जाना, आपसी बँटबारा एवं नामांतरण का कार्य किए जायेंगे। अभी सभी भूमि धारकों के द्वार पर जाकर जमाबंदी पंजी, शपथ पत्र, बँटबारा करनें हेतु प्रपत्र एवं छुटे हुए जमाबंदी को Online करनें हेतु प्रपत्र वितरण किए जा रहे हैं।
शिविर भ्रमण एवं निरीक्षण के क्रम में मदनपुर पंचायत के शिवरामपुर सामुदायिक भवन के पास अंचलाधिकारी अकबर हुसेन नें बताया कि राजस्व महाभियान – 2025 सरकार की प्राथमिकता में एक महत्वपूर्ण कार्य है। यह कार्य तय सीमा के अंदर सम्पन्न कर लिया जायेगा। भूमि का सर्वेक्षण कार्य पुरा हो जानें से जमिनी बिबाद समाप्त हो जायेंगे । इससे न्यायालय का समय की बचत होगी एवं विवादों में कमी आयेगी ।
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क्या कहते हैं भूमि धारक
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राजस्व महाभियान 2025 की सफलता पर किसान गुलाब यादव, शर्मानंद यादव, नफीस अहमद, विन्देश्वर भुईया, आलोक यादव ने बताया कि सरकार नें एकमाह का समय निर्धारित किया है, वो बेईमानी दिखती है। एक माह में यदि शत प्रतिशत जमाबंदी वितरण हो जाय, इसकी संभावना कम दिखती है। सैंकड़ो वर्ष का कोढ़ दूर करनें में साल भर का समय लगेगा। जो जमाबंदी वितरण किए जा रहे हैं, उसमें अपना जमाबंदी का पेपर खोज लेना ही बड़ी मुश्किल कार्य है। पुरे पंचायत का जमाबंदी अंग्रेजी वर्णमाला ( Alpha betly ) क्रम में एक ही भौलुम में समाहित है। दो दिनों से खोज रहे हैं, लेकिन अबतक जमाबंदी मिला नहीं है। सबसे महत्वपूर्ण बात तो सरकार का कम्प्युटरीकृत जमाबंदी ही त्रुटिपूर्ण है। बहुतों का नाम ही प्रिंट नहीं किया गया है तो ढ़ेरो का नाम एवं पिता के नाम में ही त्रुटिपूर्ण है । जमाबंदी में नाम एवं पिता के जगह सिर्फ यादव – यादव, सिंह – सिंह एवं राम -राम ही लिखे गये हैं। ऐसे त्रुटिपूर्ण जमाबंदी किसका है या ना है, कैसे समझा जायेगा। कुल मिलाकर यह महा अभियान नहीं बल्कि महा परेशान बनकर रह गया है।