बच्चों के प्रति रखें संवेदनशीलता

अम्बुज कुमार खबर सुप्रभात समाचार सेवा


बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकारण पटना द्वारा पुरे बिहार के किशोर न्याय बोर्ड के पैनल अधिवक्ताओं का एक दिवसीय प्रशिक्षण सह संवेदनशीलता कार्यक्रम बाल्सा पटना के सेमीनार होल में प्रशिक्षकों ने उक्त बातें कही हैं, औरंगाबाद से कार्यक्रम में भाग ले रहे पैनल अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि इस कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन बिहार राज्य

विधिक सेवा प्राधिकरण पटना के सदस्य सचिव न्यायधीश शिल्पी सोनीराज , संयुक्त सचिव न्यायधीश गायत्री कुमारी,रजीस्टार न्यायधीश मिस अनुपमा, सहायक रजिस्ट्रार वन निहारिका सिंह, सचिव बाल मित्र सुरेश कुमार ने दीप प्रज्वलित कर किया, प्रशिक्षणदाता सुरेश प्रसाद सचिव बाल मित्र ने कहा कि आप सब बच्चों के मामले में केयरटेकर है,बाल सुधार गृह, स्पेशल गृह, सेफ्टी गृह में विजिट करना आपका कर्तव्य है उनसे जुड़े मामले में पुरी संवेदनशीलता के साथ गहन विचार विमर्श करते हुए उचित कानूनी परामर्श समय समय पर देते रहे, जो बच्चे विधिक सहायता के लिए निशुल्क अधिवक्ता की मांग करते हैं उन्हें शिघ्रता से मुहैया कराई जाएं,जब विधि विवादित किशोर सुधार गृह से बाहर आए तो उन्हें पूर्व के भांति परिवार में समाज में मान सम्मान स्नेह मिले, कुछ बच्चे जिद्दी, आक्रोशित होते हैं तो कुछ बच्चे के किसी घटना का प्रभाव दिर्घकालिक रहता है,कुछ बच्चे शिक्षा के अभाव में या उचित परिवरिश न होने के कारण समाज से कट कर अपराध से जुड़ जाते हैं कुछ बच्चों के अभिभावक उनसे अपराध कराते हैं तो कुछ बच्चे आधुनिकता के प्रभाव में आकर बाईक, मोबाइल चोरी व मध निषेध अपराध से जुड़ जाते हैं, हमें इन सब बच्चों का आकलन करना है मनोवृत्ति बदलना है सरकार उनका कितना भला चाहता है उनके लिए क्या क्या योजना लाती है उनका क्या अधिकार है,बताना है क्योंकि ये देश के भविष्य हैं , यह बात ध्यान रखें कि बच्चे समाज के सबसे असुरक्षित वर्ग है अबोध है अपराधीयो द्वारा दुष्प्रेरित हो सकतें हैं , ऐसा धारणा न रखें कि बच्चे बदमाश होते हैं बच्चों के प्रति सकारात्मक सोच के साथ हर स्थिति में स्नेह से बात करना चाहिए चाहे उनका किसी भी बड़े अपराध में नाम आया हो, बच्चे ज्यादा भयभीत न रहे इसका भी ख्याल रखना है ,बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारीयों भी विधि विवादित किशोर से मेत्री पूर्ण सम्बन्ध रखना चाहिए शिघ्रता से सुनवाई में सहयोग करना चाहिए,ऐसा बात नहीं है कि एक बार अपराध करने के बाद विधि विवादित किशोर दुसरी बार पुनः अपराध जरूर करेंगे, प्रशिक्षणदाता अजय कुमार हाईकोर्ट अधिवक्ता राज्य सलाहकार युनिसेफ एवं डीएसडब्ल्यू ने बताया कि क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम और जुबेनाइल जस्टिस सिस्टम में बहुत अंतर है जुबेनाइल जस्टिस सिस्टम विधि विवादित किशोर को सुधरने का समाज में मान-सम्मान के साथ पुनः होने का मौका देता है बच्चों को विधिक सहायता की अवश्यकता है तो आप सब को विधिक सहायता देना अधिकार है,बाल अधिकार दिवस 20 नवम्बर को हर जेजेबी पैनल अधिवक्ता मीडिया में बच्चों के अधिकार का प्रचार प्रसार करें किशोर न्याय अधिनियम के आगे कोई भी कानून विधि विवादित किशोर पर लागू नहीं होगा, सभी तरह के विधि विवादित किशोर का अभिभावक की भूमिका सरकार अदा करती है, पैनल अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि यह प्रशिक्षण काफी लाभप्रद और उपयोगी रहेगा।